भारत में पहले Monkeypox मामले की पुष्टि, विदेश से आया है मरीज, आइसोलेट किया गया
punjabkesari.in Monday, Sep 09, 2024 - 06:37 PM (IST)
नई दिल्लीः भारत में पहले मंकीपॉक्स मामले की पुष्टि हो चुकी है। भारत सरकार ने बयान जारी कर यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हाल ही में एक मेल पेशेंट भारत आया है। जिसमें मंकी पॉक्स जैसे लक्षण होने की जानकारी सामने आई थी। जानकारी मिलते ही मरीज हो आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। मरीज की हालत अभी स्थिर है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप मामले को देखा जा रहा है। यह पता लगाने के प्रयास जारी हैं कि कौन कौन उस व्यक्ति के संपर्क में आया है।'' मंत्रालय ने कहा कि देश ऐसे अलग-अलग यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम से निपटने के लिए मजबूत उपाय किए गए हैं।
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय
देश इस तरह के अलग-थलग यात्रा से संबंधित मामले से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं। जिसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जरूरी गाइडलाइंस जारी की हैं। साथ ही राज्यों को कोरोना वायरस की चुनौती के बीच अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।
जानिए कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
पिछले दिनों हुई स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में यह बात सामने आई थी कि मंकीपॉक्स का सामान्यतः 2-4 सप्ताह का संक्रमण होता है और रोगी आमतौर पर सहायता संबंधी प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं। संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क से और आमतौर पर यौन संपर्क, शरीर, घाव के तरल पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े, चादर का इस्तेमाल करने से होता है।
116 देशों से 99 हजार से ज्यादा मंकीपॉक्स के केस- WHO
बता दें कि, डब्ल्यूएचओ ने इससे पहले साल जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को पीएचईआईसी घोषित किया था। जिसके बाद में मई 2023 में इसे रद्द कर दिया था। 2022 से वैश्विक स्तर पर डब्ल्यूएचओ ने 116 देशों से मंकीपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 लोगों की मौत होने की बात कही थी।