धोखाधड़ी रोकने के लिए दुकानदारों, बैंकिंग प्रतिनिधियों की अधिक जांच-परख चाहता है वित्त मंत्रालय

punjabkesari.in Sunday, Apr 14, 2024 - 12:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क : वित्त मंत्रालय चाहता है कि बीओबी वर्ल्ड ऐप घोटाले और इसी तरह के अन्य वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों पर रोक लगाने के लिए बैंक तथा वित्तीय संस्थान ‘अपने ग्राहक को जानो' (केवाईसी) प्रक्रिया और जांच-परख को बढ़ाने के लिए काम करें। सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाएं देने वाले दुकानदारों (मर्चेंट) तथा बैंकिंग प्रतिनिधि को जोड़ने से पहले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इनकी गहन जांच-परख करनी चाहिए।

PunjabKesari

सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कदम से न केवल धोखाधड़ी पर अंकुश लग सकेगा बल्कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत किया जा सकेगा। सूत्रों ने कहा कि दुकानदारों और बैंकिंग प्रतिनिधि के स्तर पर आंकड़ों (डेटा) की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है, क्योंकि इनके स्तर पर डेटा में सेंध लगने की आशंका अधिक होती है। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को बैंकों और वित्तीय संस्थानों को साइबर धोखाधड़ी के ‘हॉटस्पॉट' पर बैंकिंग प्रतिनिधियों को जोड़ने से पहले उनकी पूरी जांच-परख करनी चाहिए। इसके अलावा धोखाधड़ी में इस्तेमाल सूक्ष्म एटीएम को भी ब्लॉक किया जाना चाहिए। 

PunjabKesari

सूत्रों ने बताया कि साइबर सुरक्षा को बढ़ाने और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने को लेकर हाल में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में यह सुझाव दिया गया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के 11,28,265 मामले सामने आए। इन मामलों में कुल 7,488.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। साइबर अपराध से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के तंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के माध्यम से देश में‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' की स्थापना की है। 

बढ़ती साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों के तहत रिजर्व बैंक अवैध ऋण देने वाले ऐप की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए एक डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (डिजिटा) स्थापित करने पर विचार कर रहा है।सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित एजेंसी डिजिटल ऋण देने वाले ऐप के सत्यापन में मदद करेगी और सत्यापित ऐप का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी। 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Utsav Singh

Recommended News

Related News