8 अक्टूबर को वायुसेना परेड में शामिल होगा फाइटर जेट राफेल
punjabkesari.in Saturday, Oct 03, 2020 - 06:54 PM (IST)
नई दिल्लीः राफेल लड़ाकू विमान की गर्जना एक बार फिर देश के दुश्मनों की नींद उडाने वाली है। राफेल लड़ाकू विमान एक बार फिर आसमान में उड़ान भरने वाले हैं। भारतीय वायुसेना 8 अक्टूबर 2020 को अपनी 88वीं वर्षगांठ पूरे गर्व से मनाएगी। इस अवसर पर गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर वायुसेना दिवस परेड एवं अलंकरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस दिन राफेल लड़ाकू विमान सेना की परेड में हिस्सा लेंगे। पांच राफेल लड़ाकू विमानों को आधिकारिक रूप से 10 सितंबर को हरियाणा स्थित अंबाला एयरबेस में शामिल किया गया था।
Rafale is a 4.5 generation, twin-engine omnirole, air supremacy, interdiction, aerial reconnaissance, ground support, in-depth strike, anti-ship and nuclear deterrence fighter aircraft, equipped with a wide range of weapons: Indian Air Force https://t.co/VnD7VEisXq
— ANI (@ANI) October 3, 2020
भारतीय वायु सेना के मुताबिक, राफेल 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, ट्विन-इंजन ओम्नीरोल, एयर वर्चस्व, अंतर्विरोध, हवाई टोही, जमीनी समर्थन, गहराई में प्रहार, जहाज-रोधी और परमाणु निवारक लड़ाकू विमान, हथियारों की एक विस्तृत श्रृंखला से लैस है। बता दें कि 29 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल विमान भारत आए थे। भारतीय वायुसेना में राफेल के शामिल होने से सबसे ज्यादा चिंता हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को ही हो रही है। दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक राफेल भारतीय सेना की ताकत को मजबूत करेंगे।
चीन के साथ जारी तनाव के बीच राफेल का भारत आना महत्वपूर्ण है। यह बहुप्रतीक्षित विमान चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से हर स्तर पर बेहतर हैं। राफेल विमान पहले ही लद्दाख क्षेत्र में उड़ान भर चुके हैं और उन इलाकों से वाकिफ हो चुके हैं, जहां राफेल विमानों को उड़ाया जाना है। राफेल विमानों में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीटर की उपलब्धता है। राफेल में हवा से हवा में मारक, हवा से जमीन स्काल्प (SCALP) और हैमर मिसाइल जैसी सुविधाएं हैं। फ्रांस से भारत में 36 राफेल विमान आएंगे, जिनकी कीमत 60,000 करोड़ रुपये है। इसे अब तक की सबसे बड़ा रक्षा सौदा माना जा रहा है, इस सौदे का ज्यादातर भुगतान किया जा चुका है।