एशिया में अलग-थलग पड़ने के डर से ट्रंप ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका
punjabkesari.in Saturday, May 10, 2025 - 11:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। जानकारों के अनुसार, ट्रंप को यह डर था कि यदि यह तनाव और बढ़ता है तो एशिया में अमेरिका अलग-थलग पड़ सकता है। ट्रंप का मानना है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना अमेरिका के हित में है।
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से फोन पर बात की और उन्हें संयम बरतने तथा बातचीत के माध्यम से मुद्दों का हल निकालने का आग्रह किया। ट्रंप ने दोनों देशों को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति से अलग है। आमतौर पर ट्रंप दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप करने से बचते थे, लेकिन इस मामले में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है।इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि पिछले 30 सालों में भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार मजबूत हुई है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंध गहरे हुए हैं। ऐसे में अमेरिका नहीं चाहेगा कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह का अस्थिरता आए जिसका नकारात्मक प्रभाव उसके हितों पर पड़े।
रिपब्लिकन नेता के तौर पर ट्रंप के भारत के प्रति बदलते रुख को भी इस संदर्भ में देखा जा रहा है। 1990 के दशक में भारत पर प्रतिबंध लगाने वाले अमेरिका ने 2001 के बाद रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी के तौर पर भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है। मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद भारत और अमेरिका के संबंध और भी गहरे हुए।
कई मौकों पर अमेरिका ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है। पिछले 11 सालों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच व्यक्तिगत स्तर पर भी अच्छी केमिस्ट्री देखने को मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी भारत के साथ मजबूत संबंधों को आगे बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं।