अधिक मीठा खाने से भी हो सकता है फैटी लीवर? इसपर क्या कहते हैं एक्सपर्ट जानें
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 09:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तेजी से बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों के चलते लोगों में फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं (सेल्स) में सामान्य से अधिक फैट जमा हो जाता है। आमतौर पर लिवर में कुछ मात्रा में फैट होना स्वाभाविक होता है, लेकिन जब इसकी मात्रा 5 से 10 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो इसे फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है।
अत्यधिक तैलीय भोजन का सेवन
फैटी लिवर होने के पीछे मुख्य रूप से मोटापा, अत्यधिक तैलीय भोजन का सेवन, अल्कोहल पीना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और डायबिटीज जैसे कारण जिम्मेदार होते हैं। यह बीमारी धीरे-धीरे विकसित होती है और प्रारंभिक अवस्था में इसके लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह लिवर में सूजन, क्षति और गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है।
जानिए शरीर पर कैसे डालता है असर
शुरुआती दौर में फैटी लिवर से व्यक्ति को थकान, कमजोरी, पेट के दाहिने हिस्से में हल्का दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। जैसे-जैसे लिवर में फैट की मात्रा बढ़ती है, वैसे-वैसे लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचने लगता है, जिससे हेपेटाइटिस या लिवर में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो लिवर फाइब्रोसिस, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर फेलियर का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है।
यह बीमारी केवल लिवर तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इससे दिल की बीमारियां, किडनी की समस्याएं और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर जैसे ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल में असंतुलन जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
क्या मीठा खाने से बढ़ता है फैटी लिवर का खतरा?
विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक मीठा खाने से भी फैटी लिवर की समस्या बढ़ सकती है। खासतौर पर शुगर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केक, मिठाइयां, सॉफ्ट ड्रिंक्स, पैकेज्ड जूस और चॉकलेट्स में मौजूद फ्रक्टोज़ लिवर को सीधे प्रभावित करता है।
WebMD की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा शुगर का सेवन लिवर को उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है जितना अल्कोहल से होता है। मीठा खाने से वजन भी तेजी से बढ़ता है, जो फैटी लिवर का प्रमुख कारण बनता है।
कैसे करें फैटी लिवर से बचाव?
संतुलित और हेल्दी डाइट अपनाएं
मीठे और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें
नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज या योग करें
वजन को नियंत्रित रखें
अल्कोहल और अत्यधिक तैलीय भोजन से बचें
समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराते रहें