भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला: किसानों को दी बड़ी सौगात, खुशी से झूम उठेगा हर किसान...
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 12:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान में किसानों के लिए खुशियों की बहार आ गई है। भजनलाल सरकार ने एक ऐसा बड़ा फैसला लिया है, जो किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है। अब 400 केवी और उससे अधिक क्षमता वाली ट्रांसमिशन लाइनों के लिए प्रभावित किसानों को मिलेगा भरपूर मुआवजा जो अब तक 132 KV से अधिक क्षमता वाली लाइनों पर लागू थी, अब इसे और अधिक प्रभावी बनाया गया है। इस नीति के लागू होने से न केवल किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनकी मेहनत और जमीन की सही कीमत भी मिलेगी। ये कदम प्रदेश के हर किसान के लिए राहत और उत्साह लेकर आया है, जो निश्चित रूप से उन्हें नई उम्मीदों से भर देगा।
किसानों को मिलेगा अतिरिक्त लाभ
इस संशोधित नीति के तहत ट्रांसमिशन टावरों और पथाधिकार (Right Of Way) के लिए उपयोग में ली गई भूमि के बदले किसानों को दोगुना मुआवजा मिलेगा। इसमें टावर के आधार क्षेत्र के लिए DLC दरों के हिसाब से पहले से मिलने वाले मुआवजे में अतिरिक्त 200 प्रतिशत मुआवजा जोड़ा जाएगा। साथ ही, पथाधिकार क्षेत्र की भूमि के लिए ग्रामीण इलाकों में 30%, शहरी नियोजन क्षेत्रों में 45% और महानगरीय क्षेत्रों में 60% तक मुआवजा मिलेगा।
नीति से बिजली बुनियादी ढांचे को भी मिलेगा मजबूती
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि इस नीति संशोधन से न केवल किसानों को उचित आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि बिजली की आपूर्ति और ट्रांसमिशन नेटवर्क को भी मजबूती मिलेगी। यह बदलाव राज्य में बिजली परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में सहायक साबित होगा, जिससे आम जनता को बेहतर और स्थिर विद्युत सेवा मिलेगी।
पथाधिकार (Right Of Way) क्या है?
ट्रांसमिशन लाइनों के लिए आवश्यक भूमि की वह पट्टी, जहां टावर और लाइन की स्थापना, संचालन और रखरखाव किया जाता है, पथाधिकार कहलाती है। इस क्षेत्र में पेड़-पौधे, निर्माण आदि को हटाना पड़ता है ताकि बिजली लाइनों में कोई बाधा न आए। नई नीति में इस पथाधिकार क्षेत्र की भी उचित कीमत किसानों को दी जाएगी।
व्यापक प्रभाव और लागू क्षेत्र
यह नई मुआवजा नीति सभी संबंधित पारेषण एजेंसियों, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और निजी कंपनियों पर लागू होगी, जो 400 केवी या उससे अधिक क्षमता वाली ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं में संलग्न हैं। यह नीति राज्य के भीतर और राज्यों के बीच बनने वाली पारेषण लाइनों दोनों पर लागू होगी।
किसानों के हित में बड़ी पहल
-400 केवी और उससे ऊपर की ट्रांसमिशन लाइनों के लिए संशोधित मुआवजा नीति लागू।
-टावर के आधार क्षेत्र के लिए दोगुना मुआवजा सुनिश्चित।
-पथाधिकार क्षेत्र के लिए अलग-अलग इलाकों के हिसाब से मुआवजा दरें तय।
-बिजली बुनियादी ढांचे की मजबूती और परियोजनाओं की गति में वृद्धि।
-किसानों को वर्षों पुरानी मांग पर राहत।