मशहूर सिंगर जयचंद्रन का हुआ निधन, 80 साल की उम्र में ली आखिरी सांस, 16000 से ज्यादा गा चुके थे गाने

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2025 - 12:12 AM (IST)

नेशनल डेस्कः मलयालम सिनेमा के महान और लेजेंडरी प्लेबैक सिंगर, पी जयचंद्रन का 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 9 जनवरी 2025 को, केरल के त्रिशूर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। पी जयचंद्रन लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और उसी के इलाज के लिए वे अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। 

संगीत उद्योग का दिग्गज सितारा 
पी जयचंद्रन को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय गायन के लिए याद किया जाएगा। मलयालम, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और हिंदी सिनेमा में अपनी आवाज का जादू चलाने वाले जयचंद्रन ने करीब 16,000 गाने गाए। उनकी आवाज़ ने न केवल मलयालम सिनेमा, बल्कि पूरे भारतीय संगीत उद्योग में एक विशेष स्थान हासिल किया। वे अपनी भावनात्मक और मधुर आवाज के लिए प्रसिद्ध थे, जिससे उन्होंने लाखों दिलों को छुआ और संगीत प्रेमियों के बीच अनगिनत प्रशंसा अर्जित की।

सिंगिंग करियर और पुरस्कारों से भरा जीवन 
पी जयचंद्रन ने 1965 में अपने करियर की शुरुआत की थी, और उनका पहला हिट गाना था "Manjalayil Mungi Thorthi" जो संगीतकार जी देवराजन द्वारा रचित था। उनकी आवाज़ ने भारतीय सिनेमा में अनगिनत हिट गानों को जन्म दिया। उनके करियर में कई अवॉर्ड्स भी आए, जिनमें से सबसे प्रमुख थे नेशनल फिल्म अवॉर्ड बेस्ट प्लेबैक सिंगर के रूप में। इसके अतिरिक्त, उन्हें 5 केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड, 4 तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवॉर्ड, केरल सरकार द्वारा जेसी डेनियल अवॉर्ड, और तमिलनाडु सरकार द्वारा Kalaimamani अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 

भक्ति संगीत में भी योगदान 
पी जयचंद्रन की आवाज सिर्फ फिल्म संगीत में ही नहीं, बल्कि भक्ति संगीत में भी समृद्ध रही। उनके भक्ति गीतों ने कई लोगों के दिलों को छुआ और उन्होंने इस क्षेत्र में भी अपनी छाप छोड़ी। उनकी गायन शैली ने उन्हें भारतीय संगीत इतिहास में एक विशेष स्थान दिलवाया और वे भारतीय प्लेबैक सिंगिंग के सबसे महान गायकों में से एक माने जाते हैं। 

पी जयचंद्रन का निधन: परिवार और फैंस का शोक 
पी जयचंद्रन के निधन से उनका परिवार गहरे शोक में डूबा हुआ है। उनकी पत्नी ललिता, बेटी लक्ष्मी, और बेटे दीनानाथ को भारतीय सिनेमा जगत के सितारों और उनके चाहने वालों से संवेदनाएं मिल रही हैं। म्यूजिक प्रेमी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, और उनके द्वारा छोड़ी गई संगीत धरोहर हमेशा जीवित रहेगी। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और वे हमेशा भारतीय संगीत के इतिहास में एक अमिट नाम के रूप में जीवित रहेंगे। पी जयचंद्रन के निधन ने संगीत प्रेमियों को गहरे दुख में डुबो दिया है, लेकिन उनके द्वारा बनाई गई कालजयी धुनें और गाने हमेशा हमें उनकी याद दिलाते रहेंगे।


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Content Writer

Pardeep

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