आतंकी हमले पर चुप क्यों है कनाडा सरकार ?

punjabkesari.in Thursday, Jun 02, 2016 - 02:26 PM (IST)

भारत पर फिर खालिस्तानी आतंकवाद का खतरा मंडरा रहा है। खुफिया एजेंसियों के पास इसकी पक्की सूचना है। इस बारे में कनाडा सरकार को सतर्क किया गया है। कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग कैंप चलाया जा रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस बारे में तथ्यात्मक सूचना भेजी है। यह ट्रेनिंग कैंप ब्रिटिश कोलंबिया के शहर मिशन के पास है। वहां आतंकियों को पंजाब पर हमले के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। आश्चर्य की बात है कि इस अहम सूचना के बावजूद कनाडा सरकार ने चुप्पी क्यों साध ली है। कोई खुल कर बोलने के लिए तैयार नहीं हे।

इंटेलीजेंस अधिकारी इस पर बार-बार सवाल कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनके किसी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जा रहा है। कनाडा में बड़ी तादाद में भारतीय सिख समुदाय रहता है। वहां से पहले भी खालिस्तान समर्थक आंदोलन के लिए पैसा और नैतिक समर्थन दिया जाता रहा है। 

बताया जाता है कि हरदीप निज्झर के नेतृत्व में इन गतिविधियों को चलाया जा रहा है। उसने खालिस्तान टेर्रर फोर्स का दयित्व संभाल लिया है। शिविर में युवकों की भर्ती भी की जा रही है। उसके पाकिस्तान के दौरे और थाईलैंड पुलिस द्वारा हिरासत में लेने पर भी कनाडा के अधिकारी कुछ नहीं बता रहे हैं। इस बारे में कनाडा के पब्लिक सेफ्टी मिनिस्टर राल्फ गुडेल सिर्फ इतना ही कह कर चुप हो जाते हैं कि सरकार हर प्रकार की परिस्थितियों से निपटने में सक्षम है।

इससे पहले भी गुडेल यही रवैया अपना चुके हैं। आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने कनाडा के बड़े शहरों में आतंकी हमलों की साजिश रची जाने की चेतावनी दी थी। तब भी राल्फ गुडेल ने कहा था कि इस समय ऐसा कुछ नया या अलग नहीं है जो कि कनाडा में सुरक्षा की स्थिति को प्रभावित कर सके। उन्हें ऐसी कोई नई जानकारी नहीं मिली है। यदि कुछ भी नया होता है तो उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। मंत्री का यह बयान दरअसल जिनेवा द्वारा कई संदिग्ध जिहादियों की खोज में शुरू किए गए अभियान के बाद आया है। ऐसा माना जाता है कि इन संदिग्ध जिहादियों के संपर्क आईएस समूह से हैं, जिसने वहां और उत्तरी अमेरिका में हमलों की धमकी दी थी। पब्लिक सेफ्टी की जिम्मेदारी संभालने वाले मंत्री का यह रवैया वास्तव में हैरान कर देने वाला है। कनाडा के यह म़ंत्री इन चेतावनियों को हल्केतौर पर लेते रहे हैं।

जिस निज्झर की जानकारी उभर कर सामने आई है उसे पंजाब सरकार ने आतंकी घोषित किया हुआ है। वह 1995 में कनाडा चला गया था। लुधियाना में 2007 में एक सिनेमा हाल में हुए बम धमाके का वॉन्टेड है। कुछ दिन पहले पाकिस्तान की सीमा के पास खालिस्तान टेर्रर फोस के मनदीप सिंह की गिरफ्तारी से कनाडा की गतिविधियों जानकारी जांच एजंसियों को मिली।

कनाडा में बस चुका हरदीप निज्झर ने खालिस्तान टेरर फोर्स के ऑपरेशनल की जिम्मेदारी संभाल रहा है। अपने मॉड्यूल में वह युवाओं को भर्ती कर रहा  है। उसका मकसद पंजाब में हमला करना है। पंजाब सरकार इस पर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय को भेज चुकी है। उसने निज्झर के प्रत्यर्पण की मांग भी की है। इस रिपोर्ट में पठानकोट में 2 जनवरी को हुए आतंकवादी हमले का जिक्र भी है। पठानकोट हमले के बाद सीमा पर चौकसी बढ़ाए जाने से पाकिस्तान से जुटाए गए हथियारों को पंजाब में लाना संभव नहीं हो सका। नई दिल्ली से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक ने भी पुष्टि की है कि निज्झर और मनदीप हथियारों की ट्रेनिंग के लिए कई बार पाकिस्तान जा चुके हैं। दोनों पाकिस्तान के ननकाना साहिब में गुरुद्वारे के सामने एके 47 राइफलों के साथ देखे गए हैं। 

इस अखबार ने दावा किया था कि मनदीप का मकसद भारत में शिव सेना के नेताओं और डेरा प्रमुखों पर हमला करना था। भारत में रहते हुए वह लगातार निज्जर और गजिंदर सिंह के संपर्क में रहा। उसने पटियाला और लुधियाना में जगहों की छानबीन की। तब निज्झर का काम पाकिस्तान से हथियारों का इंतजाम करना था। इसमें वह सफल नहीं हो पाया। वह जनवरी 2016 में कनाडा से भारत आया। यहां वह लगातार निज्झर और गजिन्दर सिंह से संपर्क में था। गजिन्दर पाकिस्तान आधारित दल खालसा इंटरनेशल का प्रमुख है। मनदीप पटियाला और लुधियाना में हमले के लिए रेकी कर रहा था और निज्झर पाकिस्तान से हथियार हासिल कराने वाला था। कनाडा सरकार अपने इंतजामों की सूचना कम से कम भारतीय एजेंसियों को तो दे, ताकि वे अपनी व्यवस्था को और पुख्ता कर सकें।

 

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