Fact Check: क्या केवल 14 दिनों में आंखों की रौशनी वापस आ सकती है?
punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2025 - 01:14 PM (IST)
Fact Check By THE HEALTHY INDIAN PROJECT
नेशनल डेस्क: दावा
फेसबुक पर जारी एक वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि सिर्फ 14 दिनों में आंखों की रौशनी वापस आ सकती है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है।
फेसबुक पर जारी एक वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि सिर्फ 14 दिनों में आंखों की रौशनी वापस आ सकती है। यहां आंखों की रौशनी वापस आने का अर्थ अंधेपन का इलाज है। इस वीडियो में जाने-माने न्यूज एंकर रजत शर्मा समेत नेत्र रोग विशेषज्ञ राहिल चौधरी को दिखाया गया है।
तथ्य जाँच
आंखों की रौशनी से सम्बंधित समस्याएं क्या हैं?
अध्ययन बताते हैं कि भारत में नजर से जुड़ी समस्याएं एक बड़ी स्वास्थ्य चिंता हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 4.95 मिलियन लोग अंधे हैं और 70 मिलियन लोग किसी ना किसी तरह की नजर की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में अंधापन के कारणों पर ध्यान देना भी आवश्यक है। इस विषय पर नेत्र सर्जन डॉ. आफताब आलम, एमबीबीएस, डीओ (नेत्र विज्ञान) बताते हैं कि अंधापन के अनेक कारण हो सकते हैं, जिसमें से निम्नलिखित प्रमुख कारण हैं-
- मोतियाबिंद
- ग्लूकोमा
- मधुमेह (Diabetic retinopathy)
- बढ़ती उम्र (Age-related macular degeneration)
- आनुवांशिकता
- ट्रेकोमा
- Uncorrected refractive error
क्या आंखों की रौशनी ठीक हो सकती है?
आंखों का स्वास्थ्य कई मानकों पर निर्भर करता है। जैसे- दिनचर्या, खानपान, समय-समय पर नेत्र जांच, आनुवांशिकता आदि, लेकिन आंखों की रौशनी वापस आने को लेकर कोई प्रमाण या शोधपत्र मौजूद नहीं हैं।
क्या आंखों की रौशनी ठीक हो सकती है?
आंखों का स्वास्थ्य कई मानकों पर निर्भर करता है। जैसे- दिनचर्या, खानपान, समय-समय पर नेत्र जांच, आनुवांशिकता आदि, लेकिन आंखों की रौशनी वापस आने को लेकर कोई प्रमाण या शोधपत्र मौजूद नहीं हैं।
इस विषय में डॉ. नवीन गुप्ता, डीएनबी (नेत्र विज्ञान) बताते हैं, ”आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा’ और ‘दृष्टि में सुधार कर सकता है’ के बीच अंतर है। ज्यादातर लोग इन दोनों के बीच भ्रमित हो जाते हैं। बादाम में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होता है, जो उम्र से संबंधित मैक्यूलर डीजनरेशन (एएमडी) या मोतियाबिंद जैसी आंखों की कुछ बीमारियों को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन आंखों की रौशनी बढ़ाने का मतलब है कि चश्मे का नंबर कम किया जा सकता है, तो इसका कोई संबंध नहीं है।”
क्या फेसबुक पर जारी वीडियो में सच्चाई है?
बिल्कुल नहीं क्योंकि इस वीडियो को AI की मदद से बनाया गया है, जिस तकनीक को Deep Fake कहा जाता है। इस वीडियो में जाने-माने न्यूज एंकर रजत शर्मा और नेत्र रोग विशेषज्ञ राहिल चौधरी के वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।
आजकल नकली दवाईयां बेचने वाले मेरे कई fake videos पोस्ट करते हैं. ये DeepFake हैं, फ़र्ज़ी हैं. ये लोग मेरे video use करते हैं, उन पर AI से मेरी जैसी आवाज़ लगाते हैं, पर वो आवाज़ मेरी नहीं है. मैं कोई दवाई नहीं बेचता. किसी Diabetes की दवा को, किसी Weight Loss की दवा को, किसी…
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) December 4, 2024
रजत शर्मा ने स्वयं इसकी जानकारी 4 दिसंबर 2024 को अपने आधिकारिक X अकाउंट के जरिए जानकारी दी है
वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ राहिल चौधरी का असली वीडियो पोडकास्ट का है, जहां उन्होंने आंखों के स्वास्थ्य के बारे में विभिन्न तरह की जानकारी साझा की है। यह वीडियो युट्युब पर 24 मार्च 2024 को पोस्ट किया गया है।
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रुप से THE HEALTHY INDIAN PROJECT द्वारा किया गया है जिसे Shakti collective की मदद से पंजाब केसरी ने प्रकाशित किया।)