'नींद से जागा तो देखा किसी का हाथ नहीं है, किसी का पैर नहीं' ओडिशा ट्रेन हादसे के चश्मदीदों की रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीती
punjabkesari.in Saturday, Jun 03, 2023 - 10:52 AM (IST)

ओडिशा: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी के टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 233 हो गई है और 900 से अधिक यात्री घायल हुए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। हादसे के बाद बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
वहीं हादसे के चश्मदीदों ने रोंगटे खड़े कर देने वाली आप बीती सुनाई। ओडिशा में कल बीती शाम हुए ट्रेन हादसे में अंधेरे में अपनों के टुकड़े तलाशते रहे एक चश्मदीद ने कहा कि लोग चीख रहे थे दर्द से कहरा रहे थे हादसे की जगह पर किसी का हाथ पड़ा था तो कहीं पैर। सैंकड़ों लोग डिब्बों में फंसे दिखाई दे रहे थे।
#WATCH हम S5 बोगी में थे और जिस समय हादसा हुआ उस उस समय मैं सोया हुआ था... हमने देखा कि किसी का सर, हाथ, पैर नहीं था... हमारी सीट के निचे एक 2 साल का बच्चा था जो पूरी तरह से सुरक्षित है। बाद में हमने उसके परिवारिजन को बचाया: हादसे के बारे में बताते हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस का एक… pic.twitter.com/0Ni3WR1Lwy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 2, 2023
अंधेरा होने के कारण रोते-बिलखते लोग अपनों को तलाशते रहे। कुछ को धड़ मिला तो किसी को सिर नहीं मिला। एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों ने इस हादसे का आंखों-देखा हाल बताते हुए कहा कि हादसा इतना भयावह था कि आज से पहले ऐसा हादसा नहीं देखा।
एक पैसेंजर ने बताया कि जिस समय हादसा हुआ उस उस समय सोया हुआ था। तेज आवाज से मेरी नींद खुली। मैंने देखा कि ट्रेन पलट गई है। मेरी सीट ऊपर वाली थी, मैं वहां पंखा पकड़ कर बैठा रहा। ट्रेन में उस समय भगदड़ मच गई थी। इस दौरान पैंट्री कार में भी आग लग गई। एक अन्य पैसेंजर ने बताया कि हादसे पहले नींद आ गई थी जब जागा तो 10-12 लोग मेरे ऊपर पड़े हुए और जब मैं ट्रेन से बाहर निकला तो देखा कि किसी का हाथ नहीं है, किसी का पैर नहीं है।