‘मोस्ट वांटेड’ आंतकी पन्नू ने रचा नया षड्यंत्र ! ट्रंप के नाम पर भारत विरोधी वायरल पत्र का सच बेनकाब
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 04:27 PM (IST)

International Desk: भारत में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) के कुख्यात ‘मोस्ट वांटेड आतंकी’ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल बिगाड़ने की साजिश रचने की कोशिश की है। इस बार पन्नू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर व्हाइट हाउस के लेटरहेड वाली एक कथित फेक चिट्ठी वायरल कर दी है। पन्नू पर देश में आतंक फैलाने, देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और सिख युवाओं को उकसाने जैसे गंभीर आरोप हैं।
क्या है मामला?
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही इस चिट्ठी में दावा किया गया है कि ट्रंप ने पन्नू को उसकी बातों और विचारों के लिए धन्यवाद दिया है। यह चिट्ठी 24 जुलाई 2025 की बताई जा रही है। पन्नू के समर्थक इसे अमेरिका से ‘वैधता’ मिलने जैसा प्रचारित कर रहे हैं। जबकि भारत में इस लेटर को पन्नू की एक सोची-समझी साजिश माना जा रहा है, ताकि वह खुद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रासंगिक साबित कर सके। बता दें कि भारत सरकार ने SFJ को पहले ही प्रतिबंधित कर रखा है और पन्नू को ‘मोस्ट वांटेड आतंकी’ घोषित कर अमेरिका से प्रत्यर्पण की मांग भी की जा चुकी है। ऐसे में ट्रंप के नाम से झूठा पत्र भी पन्नू को मिला कथित समर्थन भारत के लिए सुरक्षा दृष्टि से गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
क्या लिखा चिट्ठी में?
वायरल लेटर में ट्रंप ने पन्नू को बताया कि कैसे उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही विदेश मदद और रक्षा खर्चों की समीक्षा कर टैक्सपेयर्स का पैसा सही दिशा में लगाने का आदेश दिया था। साथ ही अमेरिका की सैन्य शक्ति को मजबूत करने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने की बात कही गई है। हालांकि पत्र में पन्नू या SFJ के भारत विरोधी एजेंडे को लेकर कुछ साफ तौर पर नहीं कहा गया।
क्या है पन्नू की चाल?
विशेषज्ञों का कहना है कि यह चिट्ठी असली हो या फर्जी, असल मकसद पन्नू का खुद को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में प्रासंगिक दिखाना है। वह दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि अमेरिका जैसे देश उसका समर्थन कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि अमेरिका ने कभी भी SFJ को कोई मान्यता नहीं दी। पन्नू ने इस चिट्ठी को लेकर बयान दिया है कि 17 अगस्त को ‘सिख वोट डालेंगे’ और इसे ‘बैलेट बनाम गोली’ की लड़ाई बताया है। यानी वह फिर से सिखों को वोटिंग के नाम पर उकसाने की कोशिश कर रहा है। यह वही पन्नू है जो विदेशों में भारतीय दूतावासों पर हमले के लिए पैसे बांटने तक की धमकी दे चुका है।
भारत में नई बहस
इस चिट्ठी ने भारत के सियासी गलियारों में भी खलबली मचा दी है। कई नेता इसे *भारत-अमेरिका रिश्तों में दरार डालने की साजिश बता रहे हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अब इस लेटर की सच्चाई की पूरी जांच होगी और अगर यह फर्जी निकला तो इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अमेरिका के सामने उठाया जाएगा। गुरपतवंत पन्नू हर बार नया ड्रामा रचकर खुद को ज़िंदा रखने की कोशिश करता है। कभी विदेशों में रेफरेंडम का नाटक, कभी प्रधानमंत्री के खिलाफ धमकियां और अब ट्रंप के नाम पर चिट्ठी। लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि पन्नू जैसा आतंकी चाहे कितनी भी चाल चले भारत की एकता को कोई खतरा नहीं।