EU सांसद बोले- हम कश्मीर के हालात देखने आए हैं, राजनीति करने नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Oct 30, 2019 - 03:07 PM (IST)

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आए यूरोपीय सांसदों के दल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूरोपीय सांसदों ने कहा कि हम कश्मीर में यहां के तथ्य और हालात जानने आए हैं न कि राजनीति करने। डेलिगेशन ने कहा कि हमारे दौरे पर विवाद खड़ा करना गलत है। डेलिगेशन की ओर से कहा गया कि कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं। हमने यहां सेना से भी आतंकवाद को लेकर बात की और इससे निपटने के लिए वे क्या कदम उठा रहे हैं, इस पर चर्चा हुई।

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यूरोपीय सांसदों ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और कश्मीर के लोग राज्य का विकास चाहते हैं। डेलिगेशन ने कहा कि हालांकि हम ज्यादा लोगों से मुलाकात नहीं कर पाए लेकिन जितने भी लोगों से मिल उन सबकी एक ही बात थी कि वे अमन और शांति चाहते हैं। वहीं उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को पांच मजदूरों पर हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया।

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उन्होंने आतंकवादियों द्वारा पश्चिम बंगाल के पांच मजदूरों की हत्या किए जाने की घटना की निंदा भी की। फ्रांस के हेनरी मेलोसे ने कहा कि अनुच्छेद 370 की बात करें, तो यह भारत का आंतरिक मामला है। हमारी चिंता का विषय आतंकवाद है जो दुनियाभर में परेशानी का सबब है और इससे लड़ाई में हमें भारत के साथ खड़ा होना चाहिए। आतंकवादियों ने पांच निर्दोष मजदूरों की हत्या की, यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। डन ने कहा, ‘‘हम यूरोप से आते हैं, जो वर्षों के संघर्ष के बाद अब शांतिपूर्ण स्थान है। हम भारत को दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश बनता देखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरत है कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ खड़े रहें। यह दौरा आंखें खोलने वाला रहा है और जो कुछ हमने ग्राउंड जीरो पर देखा है हम उस पर अपनी बात रखेंगे।

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केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से कश्मीर में विदेशी प्रतिनिधियों का यह पहला उच्च स्तरीय दौरा है। पोलैंड के सांसद रेजार्ड जारनेकी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने जो दिखाया वह पक्षपातपूर्ण था। हमने जो देखा है, अपने देश लौटकर हम उसकी जानकारी देंगे। अधिकारियों ने विस्तार से कारण बताए बिना कहा कि इस दल में मूल रूप से 27 सांसदों को होना था लेकिन इनमें से चार कश्मीर नहीं आए। बताया जाता है कि ये सांसद अपने-अपने देश लौट गए। शिष्टमंडल में शामिल कई सांसद धुर दक्षिणपंथी या दक्षिणपंथी दलों के हैं।


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Seema Sharma

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