श्रद्धालुओं के लिए किसी भी समय ‘खतरा’ बन सकता है मंदिर में आने वाला यह हाथी

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 09:34 AM (IST)

कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में हिमवाड़ गोपालस्वामी बेट्टा नामक पहाड़ी पर स्थित मंदिर में एक हाथी का आना आम बात हो गई है। गत कुछ समय से यहां पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आमद बढऩे के साथ ही हाथी भी अक्सर आने लगा है और यह चर्चा छिड़ गई है कि उसमें भी धार्मिक प्रवृत्ति आ गई है।


इस इकलौते हाथी को देखने के लिए मंदिर में काफी लोग आने लगे हैं और इसका नाम भी स्थानीय लोगों ने गोपाल जी के मंदिर के नाम पर गोपाल भक्त रख दिया है। लेकिन जंगलात अधिकारियों का ख्याल है कि हाथी बुरी आदतों का शिकार हो गया है और यही मान कर वे उसकी आदत तोडऩे के प्रयास कर रहे हैं।


बांदीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक तथा फोरैस्ट कंजर्वेटर अम्बाड़ी माधव ने बताया कि हाथी शायद श्रद्धालुओं द्वारा गोपाल स्वामी मूर्ति के आगे चढ़ाए गए प्रसाद, श्रद्धालुओं में बांटे जाने के दौरान यहां-वहां गिरे हुए प्रसाद व खाने की चीजों के कारण आकर्षित हुआ है।


यह नर हाथी 18-20 वर्ष का है। यह भर यौवन में है और इसीलिए यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए किसी भी समय खतरा बन सकता है क्योंकि यह एक जंगली हाथी है। अम्बाड़ी माधव का कहना है कि इसे जंगल में खदेडऩा और यह सुनिश्चित करना ही समझदारी होगी कि यह अक्सर यहां न आए।


पिछले बुधवार जब हाथी सायं 3 बजे कुछ देर के लिए मंदिर में आया तो जंगलात विभाग के अधिकारी इसे डरा कर भगाने के लिए फटाफट पहुंचे। उन्होंने मंदिर के पुजारियों को सलाह दी कि वे सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करें कि वे सावधानी बरतें और खाने की चीजें वहां न फैंकें तथा प्रसाद भी मंदिर के परिसर में न बिखरने 
दें। अधिकारियों ने यहां तक कहा है कि केले के पत्ते भी मंदिर के आसपास न 
फैंके जाएं क्योंकि इनसे भी हाथी आकर्षित होते हैं।

(साभार ‘द हिन्दू’)


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