Electricity rates: जनता की जेब पर पड़ेगा भारी बोझ, इस राज्य में महंगी होगी बिजली!
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 05:43 PM (IST)
नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश में पावर कारपोरेशन द्वारा मौजूदा उपभोक्ताओं के घर मुफ्त में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला लिया गया है, लेकिन इसके साथ ही बिजली दरों में 6 से 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। पावर कारपोरेशन ने मीटर पर होने वाले खर्च को टैरिफ में शामिल करने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है।
पावर कारपोरेशन का प्रस्ताव
पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने आयोग में कहा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना, संचालन और रखरखाव पर भारी खर्च आता है, जिसे बिजली दरों में शामिल करना जरूरी है। इसका मकसद कारपोरेशन पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ को कम करना बताया गया है।
उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए आयोग में अलग प्रस्ताव दाखिल किया है। परिषद का कहना है कि स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं से कोई भी अतिरिक्त शुल्क लेना गलत है और इसे पूरी तरह खारिज किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की एडवाइजरी
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि सितंबर 2023 में केंद्र सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का कोई भी खर्च उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा। इसके बावजूद पावर कारपोरेशन उसी खर्च को टैरिफ में जोड़ने का प्रयास कर रहा है, जो केंद्र के आदेशों के खिलाफ है।
3837 करोड़ रुपये शामिल
उपभोक्ता परिषद के अनुसार वर्ष 2026–27 के बिजली दर प्रस्ताव में स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़े लगभग 3837 करोड़ रुपये शामिल किए गए हैं। यदि आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देता है तो केवल स्मार्ट मीटर की वजह से ही प्रदेश में बिजली की दरें 6-7 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं।
अवधेश वर्मा ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा ने विधानसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि पुराने मीटर बदलने पर उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके विपरीत पावर कारपोरेशन का यह प्रस्ताव उपभोक्ताओं के साथ अन्याय और विश्वासघात जैसा है, जिससे आम जनता में गहरी नाराजगी पाई जा रही है।
