खुद को ही खाना शुरू कर देता है दिमाग, जब आप लगातार करते हैं ये काम: रिसर्च में हुआ खुलासा
punjabkesari.in Friday, Mar 28, 2025 - 02:55 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अगर कोई व्यक्ति अधिक समय तक और लगातार कड़ी मेहनत करता है, तो उसका मस्तिष्क ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए अपने कुछ हिस्सों को तोड़ने लगता है। एक शोध में यह पाया गया कि जब शरीर में ग्लूकोज का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो मस्तिष्क अपनी सुरक्षा परत (मायलिन) को ऊर्जा के रूप में उपयोग करने लगता है। मायलिन एक चिकनी परत होती है, जो तंत्रिका कोशिकाओं को सुरक्षित रखती है।
स्पेन के न्यूरोसाइंटिस्टों ने एक शोध के दौरान 10 मैराथन धावकों के मस्तिष्क का स्कैन किया। उन्होंने दौड़ से पहले और बाद में उनके मस्तिष्क का एमआरआइ स्कैन किया। इस शोध में पाया गया कि दौड़ पूरी करने के बाद धावकों के मस्तिष्क में मायलिन की कमी हो गई थी। खासकर दौड़ के बाद मस्तिष्क के वे हिस्से अधिक प्रभावित हुए जो गति, संवेदनशीलता और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से जुड़े होते हैं।
यह प्रक्रिया "मेटाबोलिक मायलिन प्लास्टिसिटी" कहलाती है, जो एक जीवित रहने की रणनीति है। जब मस्तिष्क में ऊर्जा कम होती है, तो वह काम करना बंद करने की बजाय अपनी सुरक्षा परत (मायलिन) को छोड़ देता है। यही कारण है कि धावक दौड़ के बाद धीमी प्रतिक्रिया और स्मृति से जुड़ी समस्याओं का अनुभव करते हैं।
हालांकि, यह प्रभाव अस्थायी होता है। जब शरीर को पर्याप्त पोषण और आराम मिलता है, तो मस्तिष्क अपनी सामान्य स्थिति में वापस लौट आता है। शोध में यह भी पाया गया कि दो हफ्तों बाद मस्तिष्क में मायलिन की मात्रा बढ़ने लगी और दो महीने में यह पूरी तरह से सामान्य हो गया।