Earthquakes: आज फिर सुबह-सुबह कांपी धरती, 4.7 की तीव्रता से आया भूकंप, लोगों में डर का माहौल
punjabkesari.in Wednesday, Mar 05, 2025 - 08:44 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल के दिनों में दुनियाभर में भूकंप की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 5 फरवरी की सुबह म्यांमार 4.7 तीव्रता के भूकंप से हिल गया। अचानक आए इन झटकों से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। बीते कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, फरीदाबाद, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तिब्बत और बिहार में भी भूकंप महसूस किए गए हैं। बार-बार हो रहे ये भूकंप क्या किसी बड़े खतरे का संकेत हैं? इस सवाल ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
कुछ भविष्यवाणियों में दावा किया गया है कि 2025 के बाद पृथ्वी गंभीर संकटों का सामना कर सकती है। हालांकि, वैज्ञानिक इस बात को सिर्फ अटकलें मानते हैं और भूकंप को एक सामान्य प्राकृतिक घटना बताते हैं। लेकिन लगातार झटकों से लोगों के मन में भय का माहौल जरूर बन गया है।
EQ of M: 4.7, On: 05/03/2025 03:36:49 IST, Lat: 16.98 N, Long: 95.48 E, Depth: 32 Km, Location: Myanmar.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) March 4, 2025
Our Website and App are down due to maintenance. We will be back soon, please bear with us. @DrJitendraSingh @OfficeOfDrJS @Ravi_MoES @Dr_Mishra1966 @ndmaindia pic.twitter.com/fKe1owDUdp
कहां था भूकंप का केंद्र?
इस भूकंप का केंद्र म्यांमार में 32 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। झटके महसूस होने पर लोग सुबह-सुबह नींद से जाग गए और डर के कारण घरों से बाहर निकल आए। लगातार हो रहे भूकंप से लोगों की चिंता बढ़ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह किसी आने वाली बड़ी प्राकृतिक आपदा का संकेत हो सकता है।
कैसे हैं हालात?
अब तक किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं है। लेकिन अचानक आए झटकों ने लोगों को डरा दिया है। अगर किसी भी तरह की क्षति या हानि की जानकारी मिलती है, तो जल्द ही अपडेट किया जाएगा।
भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंप तब आते हैं जब भूमिगत चट्टानें अचानक टूट जाती हैं और टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल होती है। इस प्रक्रिया में भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं, जो धरती को हिला देती हैं।
- जिस स्थान पर चट्टान सबसे पहले टूटती है, उसे भूकंप का फोकस (Hypocenter) कहते हैं।
- फोकस के ठीक ऊपर की सतह पर स्थित जगह को भूकंप का केंद्र (Epicenter) कहा जाता है।
हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे लेकर डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन लगातार आ रहे झटकों के कारण सतर्क रहना जरूरी हो गया है।