ई-ट्रांजैक्शन: फ्रॉड के मामले 73.24 पर्सैंट बढ़े

punjabkesari.in Sunday, Dec 11, 2016 - 02:01 AM (IST)

नई दिल्ली: फाइनैंशियल ईयर 2015-16 के दौरान ई-ट्रांजैक्शन से जुड़े साइबर क्राइम्ज के मामले में 73.24 पर्सैंट की बढ़ौतरी दर्ज की गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार फाइनैंशियल ईयर 2015-16 में ई-ट्रांजैक्शन में फ्रॉड के 16,458 मामले सामने आए जबकि फाइनैंशियल ईयर 2013-14 में 9,500 मामले सामने आए थे। हालांकि ई-ट्रांजैक्शन में फ्रॉड में फंसी प्रॉपर्टी में मामूली 1.28 पर्सैंट की वृद्धि हुई है। लास्ट फाइनैंशियल ईयर में 79 करोड़ रुपए ई-ट्रांजैक्शन में फ्रॉड में प्रॉपर्टी फंसी जबकि इससे लास्ट फाइनैंशियल ईयर में यह आंकड़ा 78 करोड़ रुपए रहा था।

 

डैबिट कार्ड से जुड़े मामले बढ़े
फाइनैंशियल ईयर 2015-16 में ए.टी.एम. तथा डैबिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड के मामले बढ़कर 6,585 हो गए जिनमें 31 करोड़ रुपए फंसे जबकि इससे लास्ट फाइनैंशियल ईयर में 1,307 मामले सामने आए जिनमें 8 करोड़ रुपए फंसे थे। कै्रडिट कार्ड में साइबर क्राइम के 9,849 मामले सामने आए जबकि इससे लास्ट फाइनैंशियल ईयर में 7,890 मामले दर्ज किए गए थे। इंटरनैट बैंकिंग से जुड़े फ्रॉड के मामले में काफी कमी दर्ज की गई। फाइनैंशियल ईयर 2013-14 के 303 मामलों की अपेक्षा लास्ट फाइनैंशियल ईयर में 34 मामले दर्ज किए गए।

 

आप ऐसे कर सकते हैं फ्रॉड से बचाव
- आप किसी को भी अपने डैबिट-क्रैडिट कार्ड का पासवर्ड न बताएं और जिस बैंक का डैबिट कार्ड है उसी के ए.टी.एम. का इस्तेमाल करें।
- अपना पिन नम्बर या नैटबैंकिंग पासवर्ड किसी को भी न बताएं। 
- होटल, रेस्तरां, पैट्रोल पंप या दुकान में कार्ड का इस्तेमाल करना हो तो उसे अपने सामने ही स्वाइप करें।
- एच.टी.टी.पी.एस. वाली वैबसाइट पर ट्रांजैक्शन करें क्योंकि ये ङ्क्षलक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू की बजाय सिक्योर ङ्क्षलक होते हैं। 
- ऑनलाइन और अन्य तरह की पेमैंट के लिए अपनी क्रैडिट लिमिट छोटी रखें ताकि कार्ड से फ्रॉड होने की सूरत में बहुत ज्यादा पैसा न जाए। 
- क्रैडिट कार्ड की पेमैंट लिमिट बैंक कई बार बढ़ा देते हैं तो आप इस पर नजर रखें कि बहुत ज्यादा न हो जाए।
-  नियमित रूप से अपनी बैंक स्टेटमैंट देखते रहें।
- पेमैंट, ट्रांजैक्शन, पासवर्ड चेंज या बैंक खाते के लिए वैबसाइट पर लॉगइन के लिए आने वाली एस.एम.एस. अलर्ट की सुविधा लें। यह आपके काफी काम की है क्योंकि जैसे ही अगर कोई आपके अकाऊंट आई.डी. से -लॉगइन करने की कोशिश करेगा या पासवर्ड री-सैट करने की कोशिश करेगा तो तुरंत आपके पास अलर्ट आ जाएगा।
- हर माह या 3 से 6 माह पर अपने कार्ड का पिन बदलें।
- अगर कभी फ्रॉड का शिकार हो जाएं तो बैंक और पुलिस स्टेशन में तुरंत शिकायत करें।


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