E-Passport Service: भारत ने लाॅन्च की नई सुविधा, अब नहीं होगी कोई गड़बड़ी; जानें कैसे करें अप्लाई
punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 07:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में अब पासपोर्ट सेवा और अधिक हाईटेक हो गई है। सरकार ने देशभर में चिप आधारित बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट की शुरुआत कर दी है, जिससे विदेश यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए इमिग्रेशन प्रक्रिया और भी तेज़, सुरक्षित और कॉन्टैक्टलेस हो जाएगी। इस पहल के साथ भारत अमेरिका, यूके, फ्रांस, जापान और कनाडा जैसे उन 120+ देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो पहले से ई-पासपोर्ट का उपयोग कर रहे हैं।
क्या है ई-पासपोर्ट और इसमें क्या मिलेगा नया?
ई-पासपोर्ट एक इलेक्ट्रॉनिक डॉक्युमेंट है, जिसमें पासपोर्ट के पिछले कवर में एक RFID चिप और एंटीना लगा होता है। इस चिप में पासपोर्ट धारक का नाम, जन्मतिथि, पासपोर्ट नंबर, चेहरा और फिंगरप्रिंट जैसी बायोमेट्रिक और पर्सनल जानकारी सुरक्षित होती है। यह डेटा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों BAC, PA और EAC के अनुसार एन्क्रिप्ट होता है।
भारत में यह सुविधा अप्रैल 2024 से पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 के तहत शुरू हुई है। पहले चरण में नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद जैसे शहरों में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि जून 2025 तक इसका देशभर में पूर्ण विस्तार किया जाए।
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
ई-पासपोर्ट से इमिग्रेशन प्रक्रिया ज्यादा सुगम और आधुनिक होगी। यात्री अब ई-गेट्स के माध्यम से ऑटोमेटेड व कॉन्टैक्टलेस प्रोसेस से गुजर सकेंगे, जिससे लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी। इससे यात्रा का अनुभव तेज और अधिक आरामदायक होगा।
कैसे करें ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन?
ई-पासपोर्ट के लिए नागरिक पहले की तरह पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। नजदीकी पासपोर्ट सेवा केंद्र या डाकघर पासपोर्ट केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक जानकारी देनी होगी। भविष्य में इसमें डिजिटल वीज़ा, मोबाइल पासपोर्ट वॉलेट, आधार व डिजीलॉकर इंटीग्रेशन जैसे फीचर्स भी जोड़े जा सकते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय यात्रा पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस हो जाएगी।
वैश्विक मंच पर बढ़ेगा भारतीय पासपोर्ट का मान
ई-पासपोर्ट सुविधा शुरू होने से भारतीय नागरिकों को अमेरिका, यूके, फ्रांस, जापान, सिंगापुर जैसे देशों में बेहतर पहचान, सम्मान और तेज़ इमिग्रेशन क्लियरेंस की सुविधा मिलेगी। यह पहल भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।