Dussehra 2024: यहां होगा 11 फीट दुनिया के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन, तैयार करने में लगे 4 महीने, खर्च हुए 30 लाख रुपये
punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2024 - 11:22 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। इस साल, दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। दिल्ली के द्वारका में स्थित रामलीला मैदान में एक विशेष और भव्य आयोजन होने जा रहा है, जहां दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला जलाया जाएगा। इस पुतले की ऊंचाई 211 फीट है, जो इसे न केवल अद्वितीय बनाता है बल्कि इसे एक महत्वपूर्ण आकर्षण भी बनाता है।
विशेष समूह के कारीगरों द्वारा होगा पुतले का निर्माण
द्वारका रामलीला कमेटी के आयोजक राजेश गहलोत ने बताया कि इस पुतले का निर्माण एक विशेष समूह के कारीगरों द्वारा किया गया है। ये कारीगर अंबाला और एनसीआर से हैं, जो अपने अनुभव और कौशल के लिए जाने जाते हैं। पुतले का ढांचा पहले लोहे से तैयार किया गया, जिससे इसकी मजबूती सुनिश्चित हुई। इसके बाद, बांस और मखमली कपड़े का उपयोग करके इसे और भी भव्य बनाया गया। रावण का चेहरा विशेष रूप से आकर्षक और मजबूत बनाया गया है, जिससे वह पूरी तरह से दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर सके। इस विशाल पुतले को खड़ा करने के लिए चार बड़े क्रेन का इस्तेमाल किया गया है। इसका निर्माण कार्य लगभग चार महीने तक चला, जिसमें कारीगरों ने मेहनत और समर्पण के साथ काम किया। पुतले की कुल लागत लगभग 30 लाख रुपये आई है, जो इसके निर्माण की भव्यता और गुणवत्ता को दर्शाती है।
दशहरा के इतिहास और महत्व
दशहरा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे रावण के पुतले का दहन करके बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि किसी भी स्थिति में सत्य और धर्म की रक्षा करनी चाहिए। राजेश गहलोत ने बताया कि जब उन्होंने इस समारोह की शुरुआत की थी, तब पुतले की ऊंचाई केवल 50 फुट थी। समय के साथ, यह ऊंचाई बढ़ती गई, और अब 211 फुट के साथ यह दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनने जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को निमंत्रण
इस वर्ष, द्वारका रामलीला कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को निमंत्रण भेजा है। आयोजकों को उम्मीद है कि ये विशेष मेहमान इस भव्य आयोजन में शामिल होंगे और अपनी उपस्थिति से इसे और भी खास बना देंगे। इससे पहले, 2019 और 2023 में भी प्रधानमंत्री ने इस आयोजन में आकर अपना आशीर्वाद दिया था।
कलाकारों का चयन
इस बार की रामलीला के लिए पात्रों का चयन करने में लगभग छह महीने का समय लगा। पूरे एनसीआर क्षेत्र से चार सौ कलाकारों का चयन किया गया है। इन कलाकारों में विभिन्न प्रकार की प्रतिभाएं शामिल हैं, जो राम की लीलाओं को रंगीन और जीवंत तरीके से प्रस्तुत करेंगे। राजेश गहलोत ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य भगवान राम की कथा को सुंदरता और समर्पण के साथ दर्शकों के सामने लाना है।
कार्यक्रम की तैयारी
द्वारका रामलीला का आयोजन सिर्फ रावण के पुतले के दहन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राम की विजय और सत्य की पराकाष्ठा का प्रतीक है। इस वर्ष की रामलीला में विशेष कार्यक्रम, नृत्य और संगीत भी शामिल होंगे, जो दर्शकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेंगे। आयोजकों का लक्ष्य है कि इस आयोजन में अधिक से अधिक लोग शामिल हों और भगवान राम की कथा का आनंद लें।