DRDO ने निजी क्षेत्र की कंपनियों को सौंपी सात रक्षा परियोजनाएं
punjabkesari.in Thursday, Jul 11, 2024 - 05:51 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत के प्रमुख Defense Research Organization (DRDO) ने पानी के भीतर प्रक्षेपित किए जाने वाले मानव रहित वाहन और लंबी दूरी की दूर से संचालित प्रणालियों सहित प्रमुख सैन्य परिसंपत्तियों के विकास के लिए निजी संस्थाओं को सात नई परियोजनाएं सौंपी हैं। घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के वास्ते रक्षा मंत्रालय की प्रौद्योगिकी विकास फंड योजना के तहत ये परियोजनाएं निजी क्षेत्र के लिए मंजूर की गयी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पानी के नीचे से प्रक्षेपित किये जाने वाले मानवरहित यान की परियोजना का लक्ष्य ऐसे बहुमुखी समुद्री रणक्षेत्र सहायक उपकरणों का विकास करना है, जिन्हें विभिन्न लड़ाकू भूमिकाओं में तैनात किया जा सके । उन्होंने कहा कि इसका मकसद जासूसी, निगरानी और टोह लेना (आईएसआर) एवं समुद्री क्षेत्र को लेकर जागरूकता (एमडीआर) कायम रखना है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह परियोजना पुणे के ‘सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड' को सौंपी गयी है।
अन्य परियोजनाओं में विमानों के लिए ‘आइस डिटेक्शन सेंसर' का विकास,‘ रडार सिग्नल प्रोसेसर' का विनिर्माण, पानी के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने और उन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए लंबी दूरी से संचालित वाहनों का निर्माण शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि लंबी दूरी से संचालित वाहन दोहरे उपयोग वाली प्रणालियां होंगी, जो पानी के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने, वर्गीकरण करने, स्थान निर्धारण करने और उन्हें नेस्तनाबूद करने में सक्षम होंगी, जबकि प्रमुख परिसंपत्तियों को संदिग्ध परिचालन क्षेत्र से दूर रखेंगी।
यह परियोजना स्टार्ट-अप ‘आईआरओवी टेक्नॉलोजीज प्राइवेट लिमिटेड', कोच्चि को सौंपी गयी है। इसी तरह कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजना निजी क्षेत्र की कंपनियों को सौंपी गयी हैं। डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, ‘‘ इन प्रौद्योगिकियों का स्वदेशी विकास सैन्य औद्योगिक परितंत्र को मजबूत करेगा।''