Gold hallmarking Rules :  सोना खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर! BIS ने बदले हॉलमार्किंग के नियम, ग्राहक रहें सतर्क

punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 02:05 PM (IST)

नई दिल्ली: सोने की खरीदारी करने वालों के लिए अब सतर्क हो जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि बाजार में धोखाधड़ी और मिलावट के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने हॉलमार्किंग को लेकर एक अहम फैसला लिया है। अब 9 कैरेट सोने से बनी ज्वेलरी पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। पहले ये नियम केवल 14 कैरेट से ऊपर के सोने पर लागू होता था।

क्या है BIS का नया नियम?
अब तक 24, 23, 22, 20, 18 और 14 कैरेट के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य थी। लेकिन हाल ही में BIS ने 9 कैरेट सोने को भी हॉलमार्किंग के दायरे में शामिल कर लिया है। इसका मतलब यह है कि अब अगर कोई 9 कैरेट सोने की ज्वेलरी खरीदता है, तो उस पर भी BIS हॉलमार्क ज़रूरी होगा। हालांकि, सोने की घड़ियों और पेन जैसी वस्तुओं पर अभी भी हॉलमार्किंग की अनिवार्यता लागू नहीं की गई है।

नए नियम क्यों लागू किए गए हैं?
BIS का कहना है कि इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को सोने की शुद्धता की पुख्ता जानकारी देना है। अक्सर कम कैरेट वाले गहनों की बिक्री में ग्राहकों को धोखा मिल जाता है, क्योंकि शुद्धता प्रमाणित नहीं होती। इस नियम के लागू होने के बाद 9 कैरेट ज्वेलरी भी सरकारी मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र के साथ मिलेगी।

  ग्राहकों को क्या होगा फायदा?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से आम ग्राहकों को कई लाभ होंगे:

कम कीमत में गहने खरीदने का विकल्प मिलेगा, क्योंकि 9 कैरेट सोना अपेक्षाकृत सस्ता होता है।
हॉलमार्किंग के कारण सोने की शुद्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
इस नियम से ज्वेलरी डिज़ाइन में भी नवाचार आएगा, क्योंकि कम कैरेट सोने में मॉडर्न और हल्के डिज़ाइन आसानी से बन सकते हैं।
मिलावट या धोखाधड़ी की संभावना घटेगी।

  ज्वेलरी कारोबारियों के लिए क्या है निर्देश?
अब देश भर के सभी ज्वेलरी विक्रेताओं और हॉलमार्किंग केंद्रों को BIS के इस नए नियम का पालन करना अनिवार्य होगा। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने से लेकर लाइसेंस रद्द तक की कार्रवाई की जा सकती है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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