आवारा कुत्तों का आतंक: 13 साल की बच्ची को नोच-नोचकर मार डाला, देश में बढ़ रहे डॉग बाइट के मामले

punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 02:50 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मध्य प्रदेश के सिवनी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां खेत में टहलने गई 13 साल की मासूम बच्ची को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच-नोचकर मार डाला। सहेली किसी तरह जान बचाकर भागी, लेकिन अवनी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने न सिर्फ पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है, बल्कि एक बार फिर देशभर में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक और प्रशासन की लापरवाही पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, मृतका अवनी अपनी सहेली के साथ खेतों की ओर गई थी। इसी दौरान वहां अचानक आवारा कुत्तों का झुंड आ धमका और दोनों बच्चियों पर हमला कर दिया। सहेली किसी तरह भागकर गांव पहुंची और बच्ची के माता-पिता को इस हमले की जानकारी दी। जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो कुत्तों ने अवनी को बुरी तरह से नोच डाला था और उसने वहीं दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही कान्हीवाड़ा थाना प्रभारी संतोष पांडे पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रशासन को भी इस संबंध में अवगत कराया गया है।

प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश

गांववालों का कहना है कि इलाके में लंबे समय से आवारा कुत्तों का आतंक बना हुआ है। कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है और लोगों में प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश है।

हर साल करीब 17 से 20 लाख लोग डॉग बाइट

यह कोई पहली घटना नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल करीब 17 से 20 लाख लोग डॉग बाइट का शिकार होते हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की होती है, जो कुत्तों के आसान निशाने बन जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल लगभग 18 से 20 हजार लोगों की मौत रेबीज के कारण होती है और इनमें अधिकांश मामले आवारा कुत्तों के काटने से जुड़े होते हैं।

इस घटना ने एक बार फिर आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इलाके में घूम रहे खतरनाक कुत्तों को तत्काल पकड़कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों।
 


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News Editor

Rahul Rana

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