Golden Play Button Earning: गोल्डन प्ले बटन मिलने के बाद कितनी कमाई करता है यूट्यूबर? जानें
punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 11:37 AM (IST)
Golden Play Button Earning: आज के डिजिटल युग (Digital Age) में यूट्यूब (YouTube) सिर्फ मनोरंजन का प्लेटफॉर्म नहीं रहा बल्कि लाखों लोगों के लिए करियर और इनकम (Income) का एक बड़ा ज़रिया बन चुका है। वीडियो बनाने वाले क्रिएटर (Creator) न सिर्फ अपनी पहचान बनाते हैं बल्कि अच्छी कमाई भी करते हैं। इस दौरान यूट्यूब अपने क्रिएटरों को सब्सक्राइबर माइलस्टोन (Subscriber Milestone) पूरा होने पर खास क्रिएटर अवार्ड भी देता है जिनमें गोल्डन प्ले बटन (Golden Play Button) सबसे खास माना जाता है।
क्रिएटर अवार्ड और उनका आधार
यूट्यूब अपने सफल क्रिएटरों को सब्सक्राइबरों की संख्या के आधार पर निम्नलिखित प्ले बटन प्रदान करता है:
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सिल्वर प्ले बटन: 1 लाख सब्सक्राइबर पूरे होने पर।
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गोल्डन प्ले बटन: 10 लाख (1 मिलियन) सब्सक्राइबर पूरे होने पर।
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डायमंड प्ले बटन: 1 करोड़ सब्सक्राइबर पूरे होने पर।
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कस्टम प्ले बटन: 5 करोड़ सब्सक्राइबर पूरे होने पर।
बटन के साथ पैसा नहीं, पर कमाई पर पड़ता है बड़ा असर
यह जानना ज़रूरी है कि यूट्यूब गोल्डन प्ले बटन के साथ क्रिएटर को कोई सीधा पैसा (Direct Money) नहीं देता है लेकिन इस अवार्ड के मिलने का असर कमाई पर ज़बरदस्त होता है क्योंकि:
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लोकप्रियता में वृद्धि: चैनल की पॉपुलरिटी बढ़ने की वजह से वीडियो पर व्यूज़ (Views) तेज़ी से बढ़ते हैं।
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विज्ञापन से आय: विज्ञापन (Ad) से मिलने वाला रेवेन्यू (Revenue) बढ़ता है। यूट्यूब आमतौर पर 1000 व्यूज़ पर लगभग 2 डॉलर (लगभग ₹160) का पेमेंट करता है।
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स्पॉन्सरशिप: स्पॉन्सरशिप (Sponsorship) के मौके भी बढ़ जाते हैं जिससे कमाई में कई गुना इज़ाफा होता है।
10 लाख सब्सक्राइबर्स पर कितनी हो सकती है सालाना कमाई?
अगर किसी चैनल के पास लगभग 10 लाख सब्सक्राइबर (गोल्डन बटन) हैं और उनके वीडियो नियमित रूप से अच्छे व्यूज़ ला रहे हैं तो उनकी सालाना कमाई लगभग 40 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। इसके अलावा कई कंपनियां डायरेक्ट स्पॉन्सरशिप और प्रमोशन के लिए क्रिएटर से सीधे संपर्क करती हैं जिससे यह आय और ज़्यादा हो जाती है।
यूट्यूब की कमाई पर इनकम टैक्स
भारत में यूट्यूब से हुई कमाई पर इनकम टैक्स (Income Tax) लागू होता है। आय स्लैब (Income Slab) के अनुसार टैक्स की दरें इस प्रकार हैं:
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₹2.5 लाख तक: कोई टैक्स नहीं।
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₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक: 5% टैक्स।
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₹5 लाख से ₹10 लाख तक: 20% टैक्स।
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₹10 लाख से ऊपर: 30% टैक्स।




