देशभर में Diwali की धूम, इस शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजा, जानें पूजा विधि, उपाय और महत्व
punjabkesari.in Thursday, Oct 31, 2024 - 07:13 PM (IST)
नई दिल्लीः दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म का एक बहुत ही प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे देशभर में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को भगवान राम 14 साल के वनवास काटने के बाद और रावण का वध करके वापस अयोध्या आए थे, जिसकी खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरे नगर को दीपक जलाकर खुशियां मनाई थी।
दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी जी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। भारत के कुछ हिस्सों में दीपावली को नए साल की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है, इस दिन नए काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है। इस बार दीपावली का पर्व आज यानी 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। दीपावली की शाम को किस शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी- गणेश जी का पूजा करें। आइए जानते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2024 Puja Ka Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। यह समय देवी लक्ष्मी की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे से मध्य रात्रि तक रहेगा। इस दौरान घरों में साफ-सफाई करके, दीप जलाकर, और मां लक्ष्मी एवं भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन 3 शुभ मुहूर्त में भी लक्ष्मी पूजा की जा सकती है (Lakshmi Puja 2024 Time)
प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त का समय – 31 अक्टूबर 2024, शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक पूजा की जा सकती है।
वृषभ काल में पूजा मुहूर्त का समय – 31 अक्टूबर 2024, शाम 06 बजकर 21 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक पूजा का समय रहेगा।
निशिता काल में पूजा मुहूर्त का समय – 31 अक्टूबर 2024, रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात 21 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली पर ऐसे करें पूजा (Diwali Puja Vidhi)
सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की अच्छे से साफ सफाई करें। ध्यान रखें दीपावली के दिन घर के किसी भी कोने में धूल या गंदगी जमा नहीं होनी चाहिए। मान्यता है कि लक्ष्मी मां सिर्फ ऐसे ही घरों में निवास करती हैं जहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। सफाई के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें, इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल में पूजा अर्चना करें। इसके बाद शाम के समय की पूजा के लिए पूरे घर को फूल और पत्तियां से सजाएं। दरवाजों पर तोरण लगाएं और घर के मुख्य द्वार को विशेष रूप से सजाएं। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए मुख्य द्वार और पूजा स्थल के पास रंगोली बनाएं।
अब पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। इस दिन धन की भी पूजा की जाती है इसलिए पूजा स्थल पर धन भी जरूर रखें। कुबेर जी की भी तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। पूजा स्थल पर फूल, रंगोली और चंदन से सजावट करें। अब शुद्ध घी का दीपक और सुगंधित धूप जलाकर गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी को रोली, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें और आरती करें। आप चाहें तो पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्र और कुबेर मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। पूजा के बाद भोग लगाएं। इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पूजा के बाद पूरे घर में दीपक जलाएं।