विस्थापित हिंदुओं का छलका दर्द, बोले - ‘हम मर जाएंगे पर वापस नहीं जाएंगे’, भारत में जिएं- मरेंगे
punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 06:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत सरकार द्वारा शॉर्ट टर्म वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस अपने देश लौटने के आदेश के बाद, अल्पसंख्यक पाकिस्तानी नागरिक, जिनमें हिंदू, सिख और ईसाई शामिल हैं, अपनी वीजा अवधि बढ़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कार्यालयों में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। जोधपुर के विदेशी रजिस्ट्रेशन कार्यालय (एफआरओ) में भारी भीड़ देखी जा रही है। यहां आए अल्पसंख्यकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहते हैं। उन्होंने पाकिस्तान में अपनी असुरक्षा, जीवन यापन की कठिनाइयों और बढ़ती महंगाई का हवाला दिया।
अल्पसंख्यकों की भावुक अपील-
अल्पसंख्यक नागरिकों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वे हिंदू हैं और हिंदू राष्ट्र भारत ही उनका देश है। उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी गुहार सुनने और उनके दस्तावेजों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने की अपील की।
बेटियों की सुरक्षा और सम्मान की गुहार-
पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए सूरजमल ने कहा कि वे अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए भारत आए हैं। उन्होंने भारत में सम्मानपूर्वक रहने की बात कही और सरकार से पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आई बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
पाकिस्तान में असुरक्षा और हिंसा का दर्द-
सूरजमल ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान में आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि वहां लोगों से धर्म पूछकर उनकी हत्या की जाती है। उन्होंने बताया कि वहां दिन और रात दोनों समय भय का माहौल रहता है।
"जीना-मरना भारत में": भावुकता और दृढ़ संकल्प-
सूरजमल ने भावुक होकर कहा कि अब वे भारत आ गए हैं और उनका जीना और मरना दोनों यहीं है। उन्होंने भारत छोड़ने से इनकार करते हुए बताया कि उनके साथ 4-5 हजार परिवार पाकिस्तान से आए हैं, क्योकि वहां जमींदार लोग धर्म पूछकर हिंसा करते हैं।
पाकिस्तान में महंगाई और जीवन यापन की कठिनाइयां
सूरजमल ने पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की कठिनाइयों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में आटे की कीमत 135 रुपये प्रति किलो है, जबकि भारत में 40 रुपये है। इसी तरह, चीनी और तेल की कीमतें भी पाकिस्तान में बहुत अधिक हैं। उन्होंने भारत में 800 रुपये की मजदूरी और पाकिस्तान में 800 रुपये की मजदूरी में अंतर बताते हुए कहा कि भारत में वे महीने भर का राशन ला सकते हैं, जबकि पाकिस्तान में एक दिन का राशन भी नहीं आता है।
पीएम से नागरिकता की सुविधा की अपील-
सूरजमल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान में प्रताड़ित हिंदुओं के लिए भारत आने के रास्ते खोलने और उनकी नागरिकता की प्रक्रिया को आसान बनाने की अपील की।