दुनिया में बन रहे हैं मुश्किल हालात, देश को इससे निकालने के लिए सुरक्षित हाथों का होना जरूरी: जयशंकर

punjabkesari.in Monday, May 20, 2024 - 11:06 PM (IST)

नई दिल्लीः यूक्रेन-रूस युद्ध और अन्य भूराजनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि मुश्किल हालात बन रहे हैं तथा स्थिति और भी बिगड़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत को इस तरह के कठिन दौर से निकालने के लिए "सुरक्षित हाथों" का रहना बहुत जरूरी है। 

जयशंकर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से कुछ दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली तमिल एजुकेशन एसोसिएशन द्वारा संचालित स्कूल में आयोजित एक संवाद के दौरान बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में कई ऐसे युवा शामिल थे जो पहली बार मतदान करेंगे। जयशंकर ने उनसे अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया और रेखांकित किया कि विकल्प का चयन करते समय यह जरूरी है कि ‘‘विश्व आपके दिमाग में होना चाहिए।'' 

चुनाव प्रचार के दौरान कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर इस्तेमाल किए जा रहे विमर्श को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि लोग यह कह रहे हैं कि पीओके भारत का हिस्सा होगा, पीओके हमेशा से भारत का हिस्सा था।" 

उन्होंने कहा, ‘‘क्या हुआ, पीओके किन कारणों से वर्तमान में पाकिस्तान के कब्जे में है, हम सभी जानते हैं। अब, हम पीओके में बहुत अधिक अशांति देख रहे हैं। हम केवल अनुमान लगा सकते हैं कि लोग पीओके में उत्तेजित क्यों हैं। एक कारण यह हो सकता है वे कश्मीर घाटी में प्रगति देख रहे हैं और कह रहे हैं कि उनका जीवन बेहतर हो रहा है, मैं क्यों पीछे रहूं - शायद यही कारण है।'' जयशंकर की टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब पीओके में आटे की ऊंची कीमतों और बढ़े हुए बिजली बिल और करों के खिलाफ लोगों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की खबरें आई हैं। 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में बिहार के सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि पीओके भारत का है और देश इसे "किसी भी कीमत पर" वापस लेगा। कार्यक्रम में मौजूद लोगों द्वारा प्रश्न पूछे जाने से पहले जयशंकर ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि आज दुनिया में हालात "बहुत कठिन" दिख रहे हैं क्योंकि यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, इजराइल-गाजा, इजराइल-ईरान के बीच मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही भारत के उत्तर में चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा मुद्दे हैं, सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा है। उन्होंने कहा कि एशिया में, दक्षिण चीन सागर में तनाव है और इस सबके परिणामस्वरूप, दुनिया की आर्थिक स्थिति "बहुत मुश्किल" स्थिति में है। 

जयशंकर ने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जब हम भविष्य को देखते हैं, तो हम सोचते हैं कि भारत को ऐसे मुश्किल स्थिति से कैसे सुरक्षित निकाला जाए, हमारे चारों ओर मुश्किल हालात हैं। ये हालात और खराब होने वाले हैं लेकिन यह अत्यंत जरूरी है कि ....हमारे पास सुरक्षित हाथ हों, अच्छे, समझदार लोग हों जो हमें बहुत कठिन दौर से बाहर निकाल सकें।'' 

पीओके पर दशकों से कश्मीर की स्थिति के संदर्भ में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों को उन समस्याओं के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए जिनका उन्होंने सामना किया है। उन्होंने कहा, "वहां और यहां के नेतृत्व का एक छोटा सा वर्ग है जिसने समस्या पैदा की... एक बार जब आप कश्मीर में सामान्य स्थिति लाते हैं, उन्हें पूरी तरह से भारत के साथ एकीकृत करते हैं, तो तत्काल क्या होता है... अर्थव्यवस्था में तेजी आई, पर्यटन में बढ़ोतरी हुई, लोग स्कूल जाने लगे, मेडिकल कॉलेज शुरू हुए, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हुईं।'' 


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Content Writer

Pardeep

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