आबूधाबी में जयशंकर बोले-जलवायु पर वायदों को लेकर गंभीर नहीं विकसित देश, भारत-UAE संबंधों पर भी कही बड़ी बात

punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2022 - 10:43 AM (IST)

दुबईः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के वादे करते रहते हैं, लेकिन उन्हें बनाए रखने के लिए गंभीर नहीं हैं और " वायदे पर चलने" के इच्छुक नहीं हैं। दुबई में भारत-यूएई पर इंडिया ग्लोबल फोरम और पैनल चर्चा को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा, "जलवायु न्याय का हिस्सा यह है कि विकासशील दुनिया के लिए जो वायदे किए गए हैं  उसे  पूरा करने में वे एक-दूसरे की मदद करेंगे। और स्पष्ट रूप से, उन्होंने दुनिया को छोटा करना जारी रखा है।  

 

इससे पहले  जयशंकर ने  कहा कि एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपने संबंधों में ‘‘वास्तविक परिवर्तन'' देखा है, जिसका अब व्यापक प्रभाव पड़ने लगा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बदलती दुनिया को आकार देने के लिए दोनों देश अपने संबंधों का उपयोग करना चाहते हैं। जयशंकर ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करना इस परिवर्तन को दर्शाता है, जिसके कारण इस तरह के प्रभावी परिणाम मिले हैं और यह द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।

 

विदेश मंत्री ने ‘‘भारत-यूएई : वैश्विक प्रभाव के लिए साझेदार'' विषय पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘तथ्य यह है कि हम व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते को बेहद तेजी से पूरा करने में सक्षम थे और इसके बाद ऐसे प्रभावी परिणाम सामने आए। अब हम नए क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं।'' भारत और यूएई ने इस साल फरवरी में यूएई-भारत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमारी चर्चा अंतरिक्ष, शिक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वास्थ्य और स्टार्टअप के बारे में है। पुराना और पारंपरिक ऊर्जा व्यापार निवेश जारी है, हालांकि, एक नया एजेंडा भी अस्तित्व में आ रहा है।''

 

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘...भारत-यूएई सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। हम एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं, लेकिन 2016 में हमने संबंधों को नया रूप दिया। सीईपीए के साथ संबंध वास्तव में मजबूत हुए हैं। भारत-यूएई सहयोग बदलाव को सकारात्मक आकार देने से संबंधित है।'' संयुक्त अरब अमीरात आज भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।  


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News Editor

Taranjeet Singh

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