WHO ने बढ़ाई चिंता, कहा- भारत में मिले डेल्टा वेरियंट के खिलाफ प्रभावी नहीं कोविड-19 वैक्सीन
punjabkesari.in Tuesday, Jun 22, 2021 - 10:05 AM (IST)
नेशनल डेस्क: कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी है। यह वायरस अन्य स्वरूपों की तुलना में प्रबल होता जा रहा है क्योंकि यह कहीं अधिक तेजी से संचारित होता है। अब इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दावा किया है कि कोविड-19 कोरोना वायरस वैक्सीन डेल्टा वेरियंट के खिलाफ असरदार साबित नहीं हो रही है।
म्यूटेशन होने की वजह से वैक्सीन का असर कम
डब्ल्यूएचओ के महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि कई म्यूटेशन होने की वजह से वैक्सीन का कोरोना वायरस के खिलाफ असर कम हो सकता है। कहा जा रहा है कि कई म्यूटेशन होने की वजह से वैक्सीन का असर कम होता है। पब्लिक हैल्थ इंग्लैंड ने हाल ही में दावा किया था कि जिन लोगों को फाइजर के टीके की दोनों खुराक मिल चुकी हैं उनका इससे बचाव 88 फीसदी तक हो सकता है । लेकिन जिन्हें फाइजर या एस्ट्राजेनेका टीके की एक ही खुराक मिली है उनका केवल 33.5 तक ही बचाव हो सकेगा।
स्पूतनिक वी ने किया वैक्सीन के असरदार होने का दावा
वहीं रूसी वैक्सीन निर्माता स्पूतनिक वी ने भी दावा किया है कि भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ उनकी वैक्सीन स्पूतनिक वी अन्य किसी वैक्सीन से ज्यादा असरदार है। कंपनी ने कहा है कि अब तक जितनी वैक्सीन ने इस स्ट्रेन को लेकर नतीजे जारी किए हैं, उन सबसे बेहतर नतीजे स्पूतनिक वी के हैं।
सबसे पहले भारत में सामने आया था डेल्टा स्वरूप
कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में सामने आया था, यह अब करीब 80 देशों में पाया जा चुका चुका है। बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप का सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में पता चला था। डेल्टा स्वरूप विश्व में कोविड-19 का सर्वाधिक प्रबल स्वरूप बनता जा रहा है क्योंकि इससे कहीं अधिक तेजी से संक्रमण का प्रसार होता है।