Delhi Pollution: पार्किंग फीस में इजाफा, डीजल जनरेटर पर रोक... प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू हुईं नई पाबंदियां
punjabkesari.in Tuesday, Oct 22, 2024 - 10:40 AM (IST)
नेशनल डेस्क: Delhi-NCR में सर्दियों का मौसम आते ही प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को, दिल्लीवासियों ने 94 दिनों के बाद 'बेहद खराब' गुणवत्ता वाली हवा में सांस लेने का अनुभव किया। इस बीच, शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 310 पर पहुंच गया, जो कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थिति है।
आज का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)
आज, 22 अक्टूबर को, सुबह 8 बजे के करीब दिल्ली का औसत AQI 317 मापा गया। विभिन्न इलाकों में AQI के स्तर निम्नलिखित हैं:
- आनंद विहार: 382
- अशोक विहार: 342
- मुंडका: 365
- नरेला: 324
- रोहिणी: 348
इन आंकड़ों के अनुसार, कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है। मौसम के हालातों की बात करें, तो अगले दो दिनों में AQI 400 के पार जाने की संभावना जताई गई है। इसमें फसल जलाने के कारण बढ़ते धुएं, धीमी हवा की गति और उच्च आर्द्रता जैसी प्रतिकूल स्थितियों का योगदान है, जो कि प्रदूषकों को अधिक मात्रा में हवा में बनाए रखती हैं।
ग्रैप-2 के तहत लागू पाबंदियां
प्रदूषण की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए ग्रैप-2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया गया है। इसके तहत कई पाबंदियां लगाई गई हैं, जो निम्नलिखित हैं:
1. डीजल जनरेटर पर रोक: सभी प्रकार के डीजल जनरेटर का उपयोग अब प्रतिबंधित किया गया है, ताकि वायु में प्रदूषकों की मात्रा को कम किया जा सके।
2. पार्किंग फीस में बढ़ोतरी: निजी वाहनों के प्रयोग को सीमित करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाई जाएगी। इससे लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
3. सड़क की सफाई: प्रतिदिन सड़कों पर मैकेनिकल और वैक्यूम स्वीपिंग के साथ-साथ पानी का छिड़काव किया जाएगा। यह उपाय धूल और अन्य प्रदूषकों को कम करने में मदद करेगा।
4. सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों की सेवा बढ़ाना: मेट्रो और सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, जिससे लोग प्रदूषण रहित परिवहन के विकल्प का उपयोग कर सकें।
5. हीटर का उपयोग: रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) अपने सुरक्षा गार्डों को हीटर प्रदान करेंगे, ताकि वे गर्म रहने के लिए अवैध तरीकों से जलाने का सहारा न लें, जैसे कूड़ा, लकड़ी या कोयला जलाना।
6. एनसीआर में भी स्थिति गंभीर: ग्रेटर नोएडा में AQI 272, गाजियाबाद में 264, नोएडा में 245, गुरुग्राम में 222, और फरीदाबाद में 154 मापा गया है, जो कि सभी जगह प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाते हैं।
प्रदूषण की जानकारी कैसे मापी जाती है?
वायु गुणवत्ता को मापने के लिए AQI का उपयोग किया जाता है, जिसे निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: गंभीर
इन आंकड़ों के माध्यम से, नागरिकों को प्रदूषण के स्तर के बारे में जागरूक किया जाता है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें।
नागरिकों से अपील
दिल्लीवासियों से अपील है कि वे प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएं और आवश्यक कदम उठाएं। जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, कारpooling करें, और धूम्रपान से बचें। वायु प्रदूषण से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।