प्रदूषण से बेहाल दिल्ली-NCR! ग्रैप 3 के नियम और सख्त, कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 02:17 PM (IST)
नेशनल डेस्क : दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रैप (GRAP) की पाबंदियों को और कड़ा करने का फैसला किया गया है। इसके तहत ग्रैप-III में ग्रैप-IV की कुछ पाबंदियों को शामिल करने की सलाह दी गई है, जिनमें वर्क फ्रॉम होम का विकल्प भी जोड़ा गया है। इससे प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है। एनसीआर की राज्य सरकारें और जीएनसीटीडी सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी ऑफिसों में 50 फीसदी कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने और बाकी को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने पर फैसला ले सकती हैं। केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम को लागू करने पर विचार कर सकती है। शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया, जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है।
'खराब', 'बहुत खराब' और 'गंभीर' AQI श्रेणियों के लिए, जो अभी ग्रैप स्टेज-IV में आती हैं, ग्रैप स्टेज-III के तहत कुछ कदम लागू किए जाएंगे, जिनमें वर्क फ्रॉम होम की सलाह भी शामिल है।
GRAP 1 में क्या नियम
बिजली की आपूर्ति में कोई कटौती नहीं की जाएगी ताकि डीजल जनरेटर का इस्तेमाल न करना पड़े। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखा जाएगा ताकि चौराहों और अन्य जगहों पर जाम न लगे। न्यूजपेपर, टीवी, रेडियो आदि के माध्यम से वायु प्रदूषण के दौरान क्या करें और क्या न करें, इस पर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसके अलावा CNG, इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो सेवाओं के फेरे बढ़ाए जाएंगे ताकि पेट्रोल और डीजल वाहनों का इस्तेमाल कम हो।
GRAP 2 में क्या नियम
केंद्रशासित प्रदेश और एनसीआर की सरकारें जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा एनसीआर के जिलों में अपने कर्मचारियों के लिए ऑफिस टाइमिंग में बदलाव कर सकती हैं। राज्य सरकारें सरकारी विभागों और नगर निकायों के ऑफिस के समय में भी बदलाव करेंगी। केंद्र सरकार भी दिल्ली-एनसीआर में अपने कर्मचारियों के लिए समय में बदलाव करने पर फैसला ले सकती है।
GRAP Stage III में GRAP-IV के कुछ प्रावधान
एनसीआर के राज्यों और दिल्ली की सरकारें सरकारी, नगर निकायों तथा निजी ऑफिसों में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम लागू कर सकती हैं। केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों को 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम देने का फैसला ले सकती है।
दिल्ली का हवा बेहद जहरीली
दिल्ली की हवा शनिवार सुबह बेहद जहरीली पाई गई। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजधानी के कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI 300 से 430 के बीच रिकॉर्ड किया गया, जबकि नोएडा और गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर और भी खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। गाजियाबाद के लोनी में AQI 450 के पार दर्ज किया गया। प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ रही हैं। दिल्ली के आरके पुरम में AQI 372, रोहिणी में 412, विवेक विहार में 424, वज़ीरपुर में 427, सोनिया विहार में 369, श्री अरबिंदो मार्ग पर 305 और आनंद विहार में 420 रिकॉर्ड किया गया। शादिपुर में AQI 298 रहा, जो अन्य इलाकों की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। नोएडा में सेक्टर 125 में AQI 430, सेक्टर 1 में 396 और सेक्टर 62 में 343 दर्ज किया गया।
बच्चों-बुजुर्गों को अधिक खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर लंबे समय तक रहने पर दमा, फेफड़ों की बीमारी, दिल की समस्याएं और बच्चों-बुजुर्गों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। डॉक्टरों ने सुबह और देर शाम खुले में घूमने से बचने और घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी है। प्रदूषण नियंत्रण विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रदूषण बढ़ने के पीछे वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन, कूड़ा जलाना और मौसम में नमी जैसी वजहें प्रमुख हैं। ठंडी हवाओं के चलते प्रदूषक जमीन के नजदीक जमा हो रहे हैं, जिससे AQI तेजी से बढ़ रहा है।
दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन ने वायु आपात स्थिति से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने के संकेत दिए हैं। निर्माण कार्यों को सीमित करने, स्मॉग टावर सक्रिय रखने और सड़कों पर पानी का छिड़काव बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आने वाले दिनों में और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
