मालीवाल को DCW अध्यक्ष पद से हटाने के लिए दायर की थी याचिका, कोर्ट ने लगाई फटकार
punjabkesari.in Friday, May 22, 2020 - 02:35 PM (IST)
नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) को उनके पद से हटाने के लिए याचिका दायर करने वाले को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) कोर्ट ने फटकार लगाई है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भविष्य में इस प्रकार किसी भी याचिका को दायर करने से पहले कई बार विचार करने की चेतावनी भी दी है
ये याचिका एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अर्चना शर्मा ने दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने बॉयज लॉकर रूम (Bois Locker Room) के मामले में दिल्ली पुलिस को मालीवाल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने के लिए एक दिशा-निर्देश मांगा था।
17 साल के लड़के ने की थी आत्महत्या
एक 17 वर्षीय लड़के को कुख्यात सोशल मीडिया चैट रूम (बॉयज लॉकर रूम) का सदस्य होने का संदेह था, जिसने इस महीने की शुरुआत में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। बता दें कि इस मामले को लेकर मालीवाल के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी जांच शुरू करने के लिए आग्रह किया गया था।
कोर्ट ने बताया निहित स्वार्थ याचिका
जनहित याचिका पर विचार करने के बाद, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और सुब्रमणियम प्रसाद की डिविजन बेंच ने कहा कि ये याचिका जनहित याचिका के बजाय निहित स्वार्थ याचिका लग रही है। कोर्ट ने ये भी कहा कि बॉयज लॉकर रूम की घटना से संबंधित मुद्दे पर पहले अदालत संज्ञान ले चुकी है और दिल्ली पुलिस को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया जा चुका है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा के रूप में पिछले 5 साल जान को जोखिम में डाल तपस्या करी है, कोशिश करी है दिल्ली में महिलाओं की स्तिथि को बेहतर कर सकूं। कोर्ट ने मेरे खिलाफ लगाई PIL पर याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट के फैसले पर मालीवाल ने दी प्रतिक्रिया
कोर्ट द्वारा याचिका कर्ता को फटकार लगाए जाने के बाद स्वाति मालीवाल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मालीवाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा के रूप में पिछले 5 साल जान को जोखिम में डाल तपस्या करी है। कोशिश करी है दिल्ली में महिलाओं की स्तिथि को बेहतर कर सकूं। कोर्ट ने मेरे खिलाफ लगाई PIL पर याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई। तुम लाख दबाने की कोशिश कर लो, न थमेंगे, न रुकेंगे। सत्यमेव जयते!