दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा, भीख मांगना अपराध कैसे?

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 06:31 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा कि अगर सरकार देश में भोजन या नौकरी देने में असमर्थ है तो भीख मांगना अपराध कैसे हो सकता है? भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही।

व्यक्ति अपनी जरूरतों के लिए मांगता है भीख
चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की पीठ ने कहा कि एक व्यक्ति केवल अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए भीख मांगता है न कि ये करना उसे पसंद है। बेंच ने कहा कि अगर कोई हमसे एक करोड़ रुपये की पेशकश करे तो क्या आप या हम भीख नहीं मांगेंगे। यह लोगों की जरूरत के मुताबिक होती है, कुछ लोग भोजन के लिए अपना हाथ पसारते हैं। एक देश में सरकार भोजन या नौकरी देने में असमर्थ है तो भीख मांगना अपराध कैसे हो सकता है।
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इससे पहले केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि यदि गरीबी के कारण ऐसा किया गया है तो भीख मांगना अपराध नहीं होना चाहिए और भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर नहीं किया जाएगा।

बता दें कि हर्ष मेंदार और कर्णिका की ओर से दायर जनहित याचिका में भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में भिखारियों को आधारभूत मानवीय और मौलिक अधिकार देने का आग्रह किया गया था।  

 

 


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Yaspal

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