दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी, मुकदमा दर्ज कर जांच जारी
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 04:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गुरुवार देर रात गाजियाबाद पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) में एक अनजान युवक ने फोन कर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी दे डाली। कॉलर ने अपना नाम छिपाए रखा और बात खत्म होते ही लाइन काट दी। फोन लोकेशन टेहला थाना क्षेत्र की दिशा में ट्रेस हुई जिसके बाद तुरंत स्थानीय थाने को सतर्क किया गया। पीसीआर ऑपरेटर ने वारदात की गंभीरता समझते हुए पूरी कॉल रिकॉर्डिंग वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी। गाजियाबाद पुलिस ने रातों-रात मुकदमा दर्ज किया और जांच टीमों को तीन मोर्चों पर लगाया कॉल डिटेल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध नंबरों का डिजिटल विश्लेषण। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शुरुआती सुराग किसी पड़ोसी जिले के पुराने अपराधी नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं।
दिल्ली पुलिस भी हाई अलर्ट
गाजियाबाद से अलर्ट मिलते ही उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस और स्पेशल सेल हरकत में आ गई। दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय के बाहर नाकाबंदी बढ़ाई। वरिष्ठ अफसरों ने सबसे पहले मुख्यमंत्री को फोन पर स्थिति से अवगत कराया फिर सुरक्षा दस्ते को डबल परत में तैनात किया। मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट्स को रात में अतिरिक्त राउंड करने का निर्देश मिला।
कॉलर तक कैसे पहुंचेगी पुलिस
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डिजिटल क्लू: कॉल डिटेल रिकॉर्ड से कॉलिंग सिम और आईएमईआई नंबर निकाले जा रहे हैं ताकि इस्तेमाल हैंडसेट की पिछली लोकेशन और मालिक का पता चल सके।
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सीसीटीवी रूटमैप: थाना क्षेत्र के एंट्री-एग्ज़िट पॉइंट पर लगे कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि जिस वक्त कॉल आया उस समय संदिग्ध गतिविधियां पकड़ में आ सकें।
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साइबर टीम की मदद: पुलिस की साइबर सेल टेलीग्राम और सोशल मीडिया ग्रुप्स पर किसी तरह की धमकी या उकसावे वाली पोस्ट खोज रही है जिससे कॉलर की मानसेक स्थिति और मंशा का अंदाज़ा लगे।
रेखा गुप्ता की पहले से ही Z कैटिगरी सुरक्षा
दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को शपथ लेते ही गृह मंत्रालय ने Z कैटिगरी सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। इस श्रेणी में हथियारबंद कमांडो, एस्कॉर्ट गाड़ी और स्थायी पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं।
हाल के वर्षों में कई मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को फोन और मेल के जरिए धमकियां मिल चुकी हैं। अक्सर जांच में सामने आया है कि कॉलर नशे की लत, मानसिक तनाव या त्वरित लोकप्रियता की लालसा से ऐसा कदम उठाते हैं। फिर भी सुरक्षा एजेंसियां हर कॉल को असली मानकर कार्रवाई करती हैं क्योंकि एक भी चूक भारी पड़ सकती है।
क्या कहती है IPC
भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत जान से मारने की धमकी देना गंभीर अपराध है। दोष साबित होने पर दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। अगर धमकी जनसेवक को दी जाए तो सजा और सख्त हो सकती है। इसी के साथ टेलीग्राफ एक्ट और आईटी एक्ट की धाराएं भी जोड़कर मामला मजबूत किया जाता है।