Ashish Sood Exclusive Interview: दिल्ली की बिजली आपूर्ति व शिक्षा का स्तर होगा बेहतर

punjabkesari.in Tuesday, Apr 01, 2025 - 12:48 PM (IST)

दिल्ली सरकार में ऊर्जा, गृह, शिक्षा व शहरी विकास मंत्री आशीष सूद (Ashish Sood) से पंजाब केसरी / नवोदय टाइम्स के लिए अकु श्रीवास्तव ने की खास बातचीत। पेश हैं विशेष साक्षात्कार के मुख्य अंश...
 

सवाल- दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई, काम कैसा चल रहा है?  

जबाव- हमारी सरकार को कोई किसी भी तरह से ले, लेकिन इस बात को सभी मानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वर्क कल्चर बदल दिया है। शीर्ष नेताओं ने सोलह से अठारह घंटे काम करने की परिपाटी बना दी है। आप चुनकर आएं और पुश्तें राज करें, अब वो दौर खत्म हो गया है। शपथ लेते ही भाजपा सरकार ने काम शुरू कर दिया है। हमने शपथ लेने के बाद ही दिल्ली की महिलाओं के लिए ढाई हजार रुपए की आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव पारित किया।

सवाल- छात्र राजनीति, निगम और राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का बड़ा अनुभव आपके पास है, नई जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे?

जबाव- सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं। आज हम जहां हैं, वहां जनता की वजह से ही हैं। जब क्षेत्र के लोगों की सेवा करेंगे तभी लोग संतुष्ट होंगे। हम सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जा रहे हैं। हमारी सीएम रेखा गुप्ता सड़क पर उतरकर लोगों से बात करती हैं और उनकी समस्याओं को सुनती हैं। वह दूसरी मंजिल पर रह रही हैं, ऐसे में बुजुर्ग नहीं पहुंच पाते, इसलिए वह नीचे आकर समस्याएं सुनती हैं। मैं भी इसी तरह लोगों की समस्याएं सुनकर उनको दूर करता हूं। अपने क्षेत्र के पोलिंग बूथों पर नियमित रूप से जा रहा हूं। यह अभी शुरुआत है, आगे जरूरत के हिसाब से और भी मेहनत से काम करेंगे।

सवाल- आपके विभाग काफी महत्वपूर्ण हैं, गर्मी आ गई है, बिजली समेत कई मसलों पर आशंकाएं हैं, समस्याओं को कैसे दूर करेंगे?

जबाव- हमारी 38 दिन पुरानी सरकार है, समर एक्शन प्लान हमारे सामने है। महिलाओं के लिए जो काम करने थे, वो भी, बजट भी, पानी, बिजली के मामले में जनता को परेशानी न हो, इस दिशा में भी काम करना है। जहां तक मेरे विभागों के अधीन बिजली की बात है तो पिछले वर्ष में 8600 मेगावॉट बिजली की सप्लाई हुई थी, तब दिल्ली कराह उठी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार यह डिमांड 9 हजार मेगावॉट के पार तक जा सकती है। बिजली को खरीदकर रख लें और बाद में इस्तेमाल करें, ऐसा नहीं हो सकता है। इसलिए पावर परचेज एग्रीमेंट एट प्लेस होना चाहिए।

हमने बिजली कंपनियों से चर्चा की है। हमने रेगुलेटर को लिखा कि बिजली कंपनियों के प्रमुख पदाधिकारियों से मिलकर उनसे लिखित रूप से पावर परचेज तय करें। इन्फ्रास्ट्रक्चर बर्बाद न हो जाए, इस पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। क्योंकि पिछले 11 साल में कोई काम नहीं हुआ है। हम इस पर काम कर रहे हैं कि किसी भी कारण से बिजली किल्लत नहीं हो। हमने ज्वाइंट कंट्रोल रूम बनाया है, जिसमें ट्रांसमिशन, बिजली कंपनी सभी को साथ रखा है। जिस समय बिजली की ज्यादा डिमांड होती है, उस समय आपूर्ति बेहतर करने की योजना पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से संपर्क बनाया गया है, ताकि डिमांड बढ़ने पर तुरंत बिजली खरीद की जा सके।

सवाल- प्राइवेट स्कूलों में अधिक फीस की शिकायत मिलती रहती है, इस पर नियंत्रण लगाने के लिए क्या करेंगे?

जबाव-  मेरा व्यक्तिगत रूप से यह मानना है कि पब्लिक स्कूलों के लिए एक पॉलिसी बनानी होगी जिसमें कितनी फीस बढ़ा सकते हैं, इसकी सीमा तय की जाए। केंद्र सरकार की न्यू एजुकेशन पॉलिसी के हिसाब से हम समन्वय बनाएंगे। अ​भिभावकों को किसी भी कीमत पर निजी स्कूलों के प्रबंधन द्वारा परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

सवाल- शिक्षा को लेकर क्या योजनाएं हैं, किस तरह से काम करेंगे?

जबाव- आम आदमी पार्टी सरकार ने 99 फीसद मामले में केवल राउज एवेन्यू और पटपड़गंज के स्कूल दिखाए, लेकिन दिल्ली के बाहरी इलाके के स्कूल कभी नहीं दिखाए। उन्होंने स्कूलों की बिल्डिंग दिखाई और बताया कि हमारे बच्चे आईआईटी में जा रहे हैं। जबकि इसके लिए उन बच्चों के माता-पिता की मेहनत प्रमुख रही। यदि आप सरकार ने कोई काम किया तो उसके लिए उसे साधुवाद भी देता हूं। लेकिन क्या इससे पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे आईआईटी नहीं जाते थे। 1981 से ही स्कूलों में स्वीमिंग पूल थे।

आप सरकार भाजपा को गाली देती रही है कि हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं। लेकिन, आंकड़े आप सरकार की सचाई बताते हैं कि नाॅर्थ-ईस्ट दिल्ली में अधिकांश अल्पसंख्यक आबादी रहती है। 1 लाख 32 हजार छात्र पढ़ाई करते हैं, 48 स्कूलों में यानी लगभग 2700 बच्चे एक स्कूल में पढ़ते हैं। इस इलाके में लड़कियों को पढ़ने के लिए पांच किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है। यह आप सरकार का शिक्षा मॉडल है। बड़ी बात करते रहे कि गरीबों की सरकार रही है, लेकिन ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आने वाले छात्रों की पढ़ाई के पैसे नहीं दिए। 115 करोड़ रुपए की देनदारी निकली है।

सवाल- इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर है, यह लगातार आप कहते रहे हैं, कैसे इसे दुरुस्त किया जाएगा?

जबाव-  दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले पैसा खर्च करने के बावजूद सुविधाओं से वंचित रहते हैं। उनके पास तो हर हिसाब से सुविधाएं होनी चाहिए। दिल्ली के जितने बड़े ग्रिड हैं वो सब लुटियन दिल्ली के आस-पास के बड़े एरिया में हैं। जबकि दिल्ली उत्तम नगर से पार ढांसा बाॅर्डर और बदरपुर बाॅर्डर तक चली गई है। अगर बदरपुर और द्वारका में दो बड़े ग्रिड नहीं दिए गए होते तो दिल्ली में बिजली आपूर्ति की स्थिति काफी खराब होती।

दिल्ली में ग्रिड नहीं बने हैं। पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर में वास्तव में कमी है। आप सरकार में रेवेन्यू खर्च 58 फीसदी होता था, जाते-जाते 78 फीसदी तक पहुंच गया था। इसी तरह से कैपिटल एक्सपेंडिचर 48 फीसदी से घटकर 23 फीसदी पर पहुंच गया। भाजपा सरकार के आने पर सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में इसे बढ़ाया गया है। कैपिटल एक्सपेंडिचर जब बढ़ेगा तभी तो रियल एस्टेट खड़ा होगा, ऐसी सोच होनी चाहिए।

सवाल- दिल्ली में क्राइम रोकने के लिए क्या योजना है?

जबाव-  दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है। ऐसे में कुछ चीजों को लेकर सीमाएं निर्धारित की गई हैं। लेकिन हम शहर की कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए हर स्तर पर संपर्क साधकर काम करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय और गृहमंत्री अमित भाई शाह के साथ समन्वय कर डीएम के माध्यम से लॉ एंड ऑर्डर को मजबूत बनाने का काम करेंगे। डार्क स्पॉट्स खत्म करेंगे। जहां मोबाइल सिग्नल नहीं है और पुलिस बूथ भी दूर होते हैं, ऐसी जगहों पर विशेष काम करेंगे। पुलिस बीटों पर 50 प्रतिशत महिला पुलिस की तैनाती कराने का काम किया जाएगा। अवैध बांग्लादेशी, रोहिंग्याओं की पहचान कर उनको हटाया जाएगा।

सवाल- तस्वीर बदलती नजर आए, इस पर कोई दो बड़ी बातें बताएं?

जबाव- मेरा मानना यह है कि जनजीवन आसान होगा तो तस्वीर अपने आप बदल जाएगी। कम्फर्ट ऑफ लिविंग होना चाहिए। इसके लिए सफाई पर जोर देते हुए कूड़ा हटाना है, बहता सीवर ठीक कराना है, पेयजल आपूर्ति स्वच्छ और नियमित करनी है, बिजली के लटकते तार हटाने हैं। और भी बहुत कुछ करना है, हमारा काम लोगों को आसान जीवन देना है।

नीट, जेईई, सीयूईटी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए गरीब विद्यार्थियों को ऑनलाइन निशुल्क कोचिंग

दिल्ली की भाजपा सरकार नीट, जेईई, सीयूईटी की तैयारी करने वाले गरीब बच्चों को निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग करवाएगी। इस साल एक महीने तक निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग देने के लिए समझौता किया गया है। बच्चों को प्रतिदिन 6 घंटे कोचिंग मिलेगी, जिससे गरीब बच्चे कामयाब हो सकेंगे। अब हम एक स्कीम लॉन्च करने वाले हैं नीव। बच्चों में आत्मविश्वास भरने के लिए आठवीं कक्षा से ही हम काम करेंगे और यह 12वीं तक चलेगा। यह हमारी कल्पना है। दिल्ली के स्टार्टअप में बहुत से बच्चे सफल हुए हैं उन छात्रों को अपने स्कूल के छात्र से मिलाएंगे। शिक्षकों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को साथ लाकर शिक्षा के स्तर को मजबूत करेंगे।

कैसे होंगे स्कूल

बड़े-बड़े स्कूलों को टक्कर देंगे सीएमश्री स्कूल

 सीएमश्री स्कूलों में हर विषय की पढ़ाई होगी

 इसके लिए पहले वर्ष में 100 करोड़ रुपए का बजट

 कुछ नए स्कूल बनाएंगे और पुराने को अपडेट करेंगे

 175 स्कूलों में विश्वस्तरीय कंप्यूटर लैब बनाएंगे

 7 हजार क्लास रूम को स्मार्ट क्लास बनाया जाएगा


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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