Delhi Car Blast: दिवाली और 26 जनवरी पर धमाके की थी साजिश, जांच में हुआ सबसे बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 09:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट केस की जांच अब नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे सबूत मिले हैं जो यह संकेत देते हैं कि यह विस्फोट सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। ताजा जांच में पता चला है कि मुख्य संदिग्ध डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर ने इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में लाल किले की रेकी की थी।

लाल किले को बनाना चाहते थे निशाना
डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि दोनों संदिग्धों ने 26 जनवरी के मौके पर लाल किले को टारगेट करने की योजना बनाई थी। एजेंसियों को यह जानकारी उसके मोबाइल फोन के डंप डेटा की गहराई से जांच के दौरान मिली। डेटा से यह भी संकेत मिले हैं कि दोनों ने दिवाली जैसे त्योहारों पर भीड़भाड़ वाली जगहों को निशाना बनाने की योजना पर चर्चा की थी।

ब्लास्ट से पहले संदिग्धों की हरकतें
जांच में सामने आया है कि जिस i20 कार में ब्लास्ट हुआ, वह धमाके से पहले अरुणा आसफ अली रोड पर करीब 30 से 40 मिनट तक खड़ी रही। उस वक्त उमर कार में मौजूद था और अकेला था। बताया जा रहा है कि उसने 31 अक्टूबर को अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया था, जिसकी आखिरी लोकेशन फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी में मिली है।

जांच में उठे अहम सवाल
CCTV फुटेज और रूट मैपिंग से अब तक पता चला है कि उमर ने कार यात्रा के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। इससे जांच एजेंसियों के सामने एक नया सवाल खड़ा हुआ है — क्या यह पूरी योजना पहले से इस तरह बनाई गई थी कि बिना फोन के मूवमेंट हो ताकि ट्रैकिंग न हो सके? या फिर उमर ने कोई नया सिम कार्ड इस्तेमाल किया था, जो विस्फोट के दौरान नष्ट हो गया?

हर कोण से जारी है जांच
फिलहाल एनआईए और दिल्ली पुलिस की विशेष टीमें सभी तकनीकी और फॉरेंसिक सबूतों की पड़ताल में जुटी हैं। जांच एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि क्या इन दोनों संदिग्धों के किसी आतंकी संगठन से संबंध हैं और क्या कार में लगा विस्फोटक किसी बड़े नेटवर्क के जरिए लाया गया था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Anu Malhotra

Related News