कृषि विधेयकों को राज्यसभा में बिना मत विभाजन के कराया गया पारित; केजरीवाल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 22, 2020 - 03:27 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि खतरनाक कृषि विधेयकों को राज्यसभा में बिना मत विभाजन के पारित कराया गया। इसके साथ ही केजरीवाल ने आठ निलंबित सांसदों की सराहना की। संसद के उच्च सदन में कृषि विधेयक पारित होने के दौरान बदसलूकी करने के लिए आम आदमी पार्टी के संजय सिंह समेत राज्यसभा के आठ सदस्यों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। सिंह के अलावा, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन, कांग्रेस के राजीव सातव, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए करीम और के के रागेश, कांग्रेस के सय्यद नजीर हुसैन और रिपुन बोरेन तथा तृणमूल की डोला सेन को निलंबित किया गया था। 

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केजरीवाल ने कहा कि यह आठ सांसद, संसद परिसर में गर्मी, मच्छर और अन्य असुविधाओं की परवाह न करते हुए किसानों के हक के लिए लड़ रहे हैं। केजरीवाल ने ट्वीट किया, वे अपने लिए कुछ नहीं मांग रहे। वो जनतंत्र और संविधान के लिए लड़ रहे हैं। वे देश के किसानों के लिए संघर्षरत हैं। उन्होंने कहा कि देशभर के किसान कह रहे हैं कि ये कानून उन्हें खत्म कर देगा। केजरीवाल ने ट्वीट किया, इतने खतरनाक कानूनों को बिना वोटिंग करवाए संसद से पास घोषित कर दिया? फिर संसद का क्या मतलब, चुनावों का क्या मतलब?अगर इसी तरह कानून पास करवाने हैं तो संसद सत्र क्यों बुलाते हो? 

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वर्तमान सरकार की तुलना अंग्रेजों से की। उन्होंने ट्वीट किया, अंग्रेज हुकूमत ऐसे ही चलाते थे- भारत के आम किसान-मजदूरों व व्यापारियों पर जुल्म करते थे। उनके खिलाफ काले कानून बनाते थे ताकि और जुल्म कर सकें। फिर जब गांधी जी या अन्य नेता उनसे मिलते थे तो चाय भी पिलाते थे। हमारे हुक्मरान आज भी उसी अंग्रेजी अन्दाज में सरकार चला रहे हैं।  सिसोदिया ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश सिंह की ओर इशारा किया जो धरना दे रहे सांसदों के लिए सुबह चाय लेकर गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश के आचरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका व्यवहार प्रेरक और एक राजनेता जैसा है और इससे लोकतंत्र से प्रेम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति गर्व की अनुभूति करेगा। मोदी के ट्वीट का जवाब देते हुए संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने शालीनता से चाय लौटा दी और सरकार से अनुरोध किया कि वह किसानों का निवाला लौटा दे। सिंह ने ट्वीट किया, हम अपनी चाय के लिए नहीं लड़ रहे। हम अपने किसानों के निवाले के लिए लड़ रहे हैं, जो आपने छीना है। मेरी आपसे विनम्र विनती है - मैं आपकी चाय पूरे आदर के साथ लौटा रहा हूँ, आप कृपया मेरे किसानों का निवाला लौटा दीजिए।


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Anil dev

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