1 साल में चुपचाप तैयार हुई भारत की सैन्य ताकत, डिफेंस इंडस्ट्री में धमाका... चीन-पाकिस्तान के लिए डरावना सपना
punjabkesari.in Sunday, Aug 10, 2025 - 12:30 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत अब सिर्फ सीमाओं की रक्षा करने वाला देश नहीं, बल्कि रक्षा उत्पादन की दुनिया में अपनी मजबूत पहचान बना चुका है। 2024-25 में देश का डिफेंस प्रोडक्शन ₹1.50 लाख करोड़ के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गया है - जो न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत की बड़ी छलांग है, बल्कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब रणनीति, तकनीक और ताकत में किसी से पीछे नहीं। तेज़ी से बढ़ती सैन्य क्षमता और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस भारत अब ‘निर्माण से निर्यात’ की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।
बीते 5 वर्षों में लगभग दोगुनी हुई डिफेंस उत्पादन क्षमता
राजनाथ सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर इस प्रगति को साझा करते हुए बताया कि 2019-20 में रक्षा उत्पादन जहां ₹79,071 करोड़ पर था, वहीं अब इसमें 90% की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने इस सफलता के लिए डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन, सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनियों और निजी रक्षा उद्योग के समन्वित प्रयासों को श्रेय दिया। उन्होंने लिखा, “इस शानदार उपलब्धि में भारत की आत्मनिर्भरता की झलक है। सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र और निजी कंपनियों ने मिलकर जिस तरह डिफेंस इकोसिस्टम को खड़ा किया है, वह प्रशंसनीय है।”
Under the leadership of Prime Minister Shri @narendramodi India’s defence production has hit a record high!
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2025
The annual defence production has soared to an all-time high figure of Rs 1,50,590 crore in the Financial Year (FY) 2024-25. These numbers indicate a robust 18% growth…
‘ऑपरेशन सिंदूर’ – आधुनिक रक्षा टेक्नोलॉजी की झलक
जहां एक ओर भारत का रक्षा उत्पादन ग्राफ ऊंचाई छू रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत की सैन्य क्षमताओं का दम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में साफ झलका। 7 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस जवाबी ऑपरेशन की शुरुआत की थी, जिसमें पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया गया।
DRDO ने दिखाई तकनीकी बढ़त
DRDO प्रमुख समीर कामत ने इस ऑपरेशन में इस्तेमाल हुई भारत की रक्षा तकनीकों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस सैन्य कार्रवाई में जिन अत्याधुनिक प्रणालियों का उपयोग किया गया, उनमें शामिल थीं:
-ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, जो उच्च गति और सटीकता के साथ लक्ष्य को ध्वस्त करती है।
-AI-आधारित डिसीजन सपोर्ट सिस्टम, जिसने रीयल टाइम में रणनीतिक निर्णय लेने में सेना की मदद की।
-एयर-टू-एयर मिसाइल प्रणाली, जिसने हवाई क्षेत्रों में दुश्मन की हरकतों पर सटीक प्रहार किया।
समीर कामत ने इसे भारत की रक्षा टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति का स्पष्ट संकेत बताया और कहा कि “अब भारत किसी पर निर्भर नहीं, बल्कि दूसरों को तकनीक मुहैया कराने वाला देश बनता जा रहा है।”
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी छलांग
भारत का डिफेंस सेक्टर अब सिर्फ हथियार निर्माण तक सीमित नहीं है। यह रिसर्च, इनोवेशन, एक्सपोर्ट और तकनीकी आत्मनिर्भरता के रास्ते पर तीव्र गति से अग्रसर है। 2024-25 में इस सेक्टर में न केवल रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की क्षमताओं को मान्यता मिली है।