Rog Panchak 2025 : कल से लग रहा है खतरनाक 'रोग पंचक', अगले 5 दिनों तक रहें सतर्क! जानें क्या करें और क्या नहीं

punjabkesari.in Saturday, Aug 09, 2025 - 11:08 PM (IST)

नेशनल डेस्कः ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक एक विशेष खगोलीय अवधि है जो हर महीने में एक बार आती है और लगभग पांच दिनों तक रहती है। इस समय को अशुभ काल माना जाता है, जिसमें कुछ विशेष कार्यों को करने से बचाव की सलाह दी जाती है। इस बार पंचक 10 अगस्त 2025, रविवार को तड़के 2:12 बजे से शुरू होकर 14 अगस्त 2025, गुरुवार रात 9:06 बजे तक रहेगा। चूंकि यह पंचक रविवार से आरंभ हो रहा है, इसलिए इसे रोग पंचक कहा जा रहा है।

पंचक क्या है?

पंचक उस काल को कहा जाता है जब चंद्रमा क्रमशः पांच नक्षत्रों — धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद और रेवती — में गोचर करता है। इस अवधि को शास्त्रों में अशुभ माना गया है क्योंकि इसे कुछ विशेष दोषों से युक्त समय बताया गया है।

रोग पंचक क्या है?

जब पंचक की शुरुआत रविवार से होती है, तो उसे "रोग पंचक" कहा जाता है। इस काल में व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। रोग पंचक के दौरान:

  • स्वास्थ्य समस्याएं अधिक हो सकती हैं

  • तनाव, चिंता और भय बढ़ सकते हैं

  • अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है

  • पहले से बीमार लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं

इसलिए यह सलाह दी जाती है कि इन पांच दिनों में विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी सावधानी बरतें।

पंचक के दौरान वर्जित कार्य

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, पंचक काल में निम्न कार्यों से परहेज करना चाहिए:

  1. घर की छत डालना या निर्माण कार्य

  2. दक्षिण दिशा की यात्रा

  3. लकड़ी इकट्ठा करना या उससे संबंधित कार्य करना

  4. शव का दाह संस्कार (विशेष उपायों के बिना)

  5. नया व्यवसाय शुरू करना

  6. विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि शुभ कार्य

  7. वाहन या मकान खरीदना

  8. सोना या कीमती धातुओं की खरीदारी

  9. बाल कटवाना, नाखून काटना, दाढ़ी बनवाना

पंचक में कौन-कौन से कार्य किए जा सकते हैं?

कुछ कार्य ऐसे भी हैं जो पंचक के दौरान किए जा सकते हैं:

  • कपड़े और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की खरीदारी

  • मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियाँ

  • अनाज, सब्जी या अन्य खाद्य सामग्री की खरीदारी

  • पढ़ाई, लेखन, ध्यान, साधना या पूजा-पाठ

  • भूमि पूजन (विशेष मुहूर्त में) 
     ध्यान दें: कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे कि कोई जरूरी कार्य हो या ज्योतिषीय उपाय किए गए हों, तो शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं। इसके लिए किसी योग्य पंडित या ज्योतिषी की सलाह जरूर लें।

रोग पंचक में क्या विशेष सावधानियां बरतें?

  1. अपना खानपान संतुलित रखें – जंक फूड और भारी भोजन से बचें।

  2. भरपूर नींद लें – नींद की कमी से मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

  3. पुरानी बीमारियों का ध्यान रखें – समय पर दवा लें और नियमित जांच कराएं।

  4. तेज गति से वाहन न चलाएं – दुर्घटना की आशंका अधिक रहती है।

  5. घर के बुजुर्गों और बच्चों की विशेष देखभाल करें।

  6. अचानक यात्रा से बचें, खासकर दक्षिण दिशा में।

  7. मंत्र-जप और प्रार्थना करें – मानसिक शांति और नकारात्मकता से बचाव के लिए।

पंचक दोष के निवारण के उपाय

यदि पंचक में कोई आवश्यक कार्य करना ही पड़े, तो नीचे बताए गए उपायों को अपनाकर नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है:

  • हनुमान चालीसा का पाठ करें

  • मृतक के अंतिम संस्कार में पाँच पुतलों का दाह करें (शव दाह पंचक में हो तो)

  • शिव या विष्णु मंत्रों का जाप करें

  • सात प्रकार के अनाज का दान करें

  • ब्रह्मणों को भोजन कराएं या दक्षिणा दें 

    (Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. पंजाब केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है)


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Content Writer

Pardeep

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