अमेरिका में PAK के नए दूत मसूद खान की नियुक्ति पर उठा विवाद, भारत-पाक में हो रही जमकर आलोचना

punjabkesari.in Wednesday, Nov 24, 2021 - 02:06 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान का आंतक और आंतिकयों के प्रति प्रेम बार-बार उजागर हो रहा है। ताजा मामने में पाक  ने आतंकियों से करीबी संबंध रखने वाले मसूद खान को अमेरिका में अपना नया दूत नियुक्त करने की घोषणा अपने इरादों पर फिर मोहर लगा दी है। यह फैसला पाक सरकार पर कट्टरपंथी इस्लामिक और आतंकी संगठनों के गहरे प्रभाव को दर्शाता है।  मसूद खान की नियुक्ति पर अब  विवाद उठने शुरू हो गए हैं और भारत-अमेरिका सहित पाकिस्तान में भी इमरान सरकार के फैसले की आलोचना हो रही है।  दरअसल वर्तमान दूत असद मजीद खान का कार्यकाल जनवरी 2022 में पूरा हो रहा हैृ। मसूद खान की नियुक्ति की दक्षिण एशिया के कुछ एक्सपर्ट्स ने आलोचना की है।

 

आंतकवाद को खुला सपोर्ट करने के बावजूद पाकिस्तान के साथ संबंध रखने के अमेरिकी रवैये की भी आलोचना हो रही है। कई एक्सपर्ट्स ने मसूद खान की नियुक्ति की यह कहकर आलोचना की है कि ‘ खान एक खतरनाक अतिवादी हैं और इस्लामिक अतिवादियों के साथ काम करने का उनका पुराना इतिहास है।’ इसके अलावा मसूद खान की नियुक्ति के लिए इमरान खान प्रशासन पर भी निशाना साधते हुए कहा गया है- ये लगातार खतरनाक होता पाकिस्तानी प्रशासन है जो इस्लामिक विचारधारा को समर्थन देने और उसके साथ मिलकर काम कर रहा है।इनमें अमेरिका में मौजूद इस्लामिक विचारधारा के भी लोग हैं।

 
‘फाइटिंग टू द एंड : द पाकिस्तान आर्मीज वे ऑफ वॉर’ और ‘इन देयर ओन वर्ड्स : अंडरस्टैंडिंग द लश्कर-ए-ताइबा’ की लेखिका क्रिस्टीन फेयर एक समाचार वेबसाइट पर प्रकाशित  लेख में लिखती हैं कि मसूद खान का कट्टपंथी इस्लामी आतंकियों के साथ काम करने का लंबा इतिहास रहा है और वह खुद एक खतरनाक कट्टरपंथी हैं। फेयर के मुताबिक खान हिजबुल मुजाहिदीन का समर्थक है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने 2017 में एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था। वह फजलुर रहमान खलील का करीबी रहा है, जिसने देवबंदी हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम) की स्थापना की थी।

 

अमेरिका ने 1997 में इस समूह को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया और बाद में 2014 में खलील को भी वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। खलील अल-कायदा और ओसामा बिन लादेन का भी करीबी था। फेयर लिखती हैं कि मसूद भारत के सशस्त्र बलों के खिलाफ अनर्गल लेख और उत्तेजक भाषण भी देता रहा है। आतंकी बुरहान वानी को उसने नायक के तौर पर पेश किया था। वह कश्मीर के प्रति पाकिस्तान की अपनी नीतियों का मजाक उड़ाते हुए आतंकी उपायों से कश्मीर को जीतने की मानसिकता रखता है।

 

कौन हैं मसूद खान ?
मसूद खान का ताल्लुक पाक अधिकृत कश्मीर से है। वो एक रिटायर्ड डिप्लोमैट हैं। साल 2016 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें पाक अधिकृत कश्मीर का 27वां प्रेसिडेंट बनाया था। रिटायरमेंट से पहले संयुक्त राष्ट्र में मसूद खान दो बार पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद वो पाकिस्तान के रणनीतिक अध्य्यन केंद्र के हेड रहे। एक्सपर्ट्स का ये कहना है कि अब मसूद खान को अमेरिका का दूत बनाकर पाकिस्तान ने साबित कर दिया है कि वो आतंवाद को बढ़ावा देना चाहता है।


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Content Writer

Tanuja

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