से/क्स के बाद फैल सकती है ये खतरनाक बीमारी, अगर दिखें ये लक्षण तो न करें इग्नोर, जानें बचाव
punjabkesari.in Sunday, Mar 02, 2025 - 05:50 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: आजकल की भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली में लोगों के स्वास्थ्य पर कई तरह के खतरों का असर पड़ता है। इनमें से एक गंभीर समस्या जेनिटल सुपर फंगस (Genital Super Fungus) है, जो संक्रमण के कारण प्राइवेट पार्ट्स में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। यह संक्रमण, खासकर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) के रूप में फैलता है और दुनिया भर में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
जेनिटल सुपर फंगस क्या है?
जेनिटल सुपर फंगस एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जो प्राइवेट पार्ट्स के इलाके में होता है। यह संक्रमण सामान्यत: कैंडिडा नाम के फंगस की वजह से होता है, जो हमारे शरीर में हमेशा मौजूद रहता है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में फैल जाता है, तो इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
जेनिटल सुपर फंगस के कारण
- प्राइवेट पार्ट्स की हाइजीन का ध्यान न रखना: अगर प्राइवेट पार्ट्स को सही तरीके से साफ नहीं रखा जाए, तो वहां बैक्टीरिया और फंगस बढ़ने लगते हैं।
- शरीर की इम्यूनिटी का कमजोर होना: कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण शरीर फंगस और बैक्टीरिया से ठीक से लड़ नहीं पाता।
- सीमित सफाई: खासकर गर्मी के मौसम में पसीने और नमी के कारण जेनिटल एरिया में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- डायबिटीज और एचआईवी जैसी बीमारियां: इन बीमारियों के कारण भी जेनिटल सुपर फंगस का खतरा बढ़ जाता है।
महिलाओं और पुरुषों में जेनिटल सुपर फंगस के लक्षण
- महिलाओं में: वल्वो वेजाइनल कैडियाइसिस, यानी कैंडिडा इंफेक्शन के लक्षण आमतौर पर जल्दी डिस्चार्ज, खुजली, जलन, वैजाइना के लिप्स में रेडनेस और इरिटेशन के रूप में दिखते हैं।
- पुरुषों में: अगर व्यक्ति प्री-डायबिटीक या डायबिटीक है, तो उसे प्राइवेट पार्ट में कर्डी डिपॉजिट्स और रेडनेस जैसी समस्याओं का सामना हो सकता है।
फंगल इंफेक्शन के अन्य प्रकार: टीनिया क्रूरिस
टीनिया क्रूरिस (Tinea Cruris), जिसे रिंग वॉर्म भी कहते हैं, जेनिटल सुपर फंगस का एक और रूप है। इस संक्रमण में थाई हिस्से में रिंग जैसे लाल रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं। यह इंफेक्शन आमतौर पर तब फैलता है जब लोग खुद से इसका इलाज करने की कोशिश करते हैं या बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयां और क्रीम इस्तेमाल करते हैं।
जेनिटल सुपर फंगस से बचाव के उपाय
- सही हाइजीन बनाए रखें: प्राइवेट पार्ट्स को सही तरीके से साफ करें, खासकर गर्मी में।
- बदलते कपड़े पहनें: नमी और पसीने को शरीर में जमने न दें। सूती कपड़े पहनें जो हवा को पास जाने दें।
- एंटीफंगल दवाओं का प्रयोग करें: अगर आपको कोई फंगल इंफेक्शन महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर एंटीफंगल दवाओं का उपयोग करें।
- सुरक्षित संबंध बनाए रखें: जब भी सेक्स करें, तो कंडोम का इस्तेमाल करें, ताकि फंगल और अन्य सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस से बचाव हो सके।