भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बनें सीपी राधाकृष्णन, जानिए कैसा रहा है उनका राजनीतिक करियर

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 08:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत को अपना नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल कर देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए हैं। 67 वर्षीय राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, ने विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुर्शान रेड्डी को भारी बहुमत से हराया। एनडीए की मजबूत संख्या के दम पर उनकी जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी।

17 साल की उम्र में शुरू हुआ RSS से सफर
तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में जन्मे सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक जीवन बेहद प्रेरणादायक रहा है। मात्र 17 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और तभी से उनकी वैचारिक नींव मजबूत हुई। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ उनका लंबा और सक्रिय सफर रहा है, जिसने उन्हें देश की राजनीति में एक मजबूत स्थान दिलाया।

दो बार लोकसभा सांसद और तमिलनाडु बीजेपी के रहे अध्यक्ष
राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर 1998 में शुरू हुआ, जब वे कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। उनकी यह जीत खास थी, क्योंकि यह 1998 के कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुई थी, और बीजेपी ने तमिलनाडु में पहली बार तीन सीटें हासिल की थीं। वे 1998 और 1999 में लगातार दो बार लोकसभा सांसद रहे और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और पार्टी को मजबूत करने में योगदान दिया। इसके अलावा, वे बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में भी सक्रिय रहे।

कोयंबटूर से मजबूत दावेदारी, कोयर बोर्ड के चेयरमैन
2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में राधाकृष्णन कोयंबटूर से बीजेपी के उम्मीदवार रहे। 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से अधिक वोट हासिल किए और दूसरे स्थान पर रहे। 2016 से 2020 तक वे केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कोयर बोर्ड के चेयरमैन रहे, जहां उन्होंने उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल
2023 में केंद्र सरकार ने उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया, जहां उन्होंने आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया। फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया और विपक्षी दलों के साथ भी उनके अच्छे संबंध रहे।

उपराष्ट्रपति के रूप में नई जिम्मेदारी
सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्ति को उनके लंबे और समृद्ध राजनीतिक अनुभव का परिणाम माना जा रहा है। उनकी जीत ने एनडीए की एकजुटता को भी दर्शाया है। राधाकृष्णन अब उपराष्ट्रपति के रूप में देश की संसद के उच्च सदन, राज्यसभा के सभापति की भूमिका भी निभाएंगे।

राधाकृष्णन की जीत पर बीजेपी और एनडीए नेताओं ने खुशी जताई है। तमिलनाडु बीजेपी के नेताओं ने इसे राज्य के लिए गर्व का क्षण बताया। उनकी सादगी, अनुभव और समर्पण को देश के लिए एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। सीपी राधाकृष्णन का यह नया अध्याय भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम है, और उम्मीद की जा रही है कि वे इस भूमिका में भी उत्कृष्ट योगदान देंगे।


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Content Editor

Shubham Anand

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