Covid-19 के इलाज को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की नई क्लिनिकल गाइडलाइंस, कहा- Steroids से बचें
punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 11:38 AM (IST)
नई दिल्ली: कोविड-19 के इलाज को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को नई गाइडलाइंस जारी की है। इन नई गाइडलाइंस में सरकार ने डॉक्टरों को कोविड मरीजों के इलाज में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से बचने को कहा है। वहीं इससे पहले टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने कोरोना की दूसरी लहर में स्टेरॉयड्स दवाओं के ओवरयूज़ होने को लेकर अफसोस जताया था।
बता दें कि संशोधित दिशानिर्देश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)-कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत संयुक्त निगरानी समूह (DGHS) ने जारी किए हैं।
संशोधित गाइडलाइंस के अनुसार, स्टेरॉयड्स वाले ड्रग्स अगर जरूरत से पहले, या ज्यादा डोज़ में इस्तेमाल किए जाएं तो इनसे म्यूकरमाइकोसिस यानि की ब्लैक फंगस जैसे सेकेंडरी इन्फेक्शन का डर बढ़ जाता है।
आईए जानते हैं केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन
- अरग किसी मरीज के ऊपरी श्वास नली में कोविड के लक्षण उत्पन्न होते हैं तो इसे हल्के लक्षणों में रखा जाता है और उसे होम आइसोलेशन में ही इलाज की सलाह दी गई है।
- अगर मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, या तेज बुखार या पांच दिनों से तेज खांसी है तो उन्हें डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- अगर मरीज में ऑक्सीजन सैचुरेशन 90 से 93 परसेंट के बीच में फ्ल्क्चुएट कर रहा है और उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।
- अगर किसी मरीज में रेस्पिरेटरी रेट 30 प्रति मिनट से ऊपर है, सांस लेने में दिक्कत आ रही है और ऑक्सीजन सैचुरेशन कमरे के तापमान से 90 फीसदी नीचे है तो इसे गंभीर लक्षण में रखा जाएगा और मरीज को आईसीयू में भर्ती किया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें रेस्पिरेटरी सपोर्ट की जरूरत होगी।
- गाइडलाइनस में मरीजों में हल्के से लेकर गंभीर लक्षण होने पर रेमडेसिवर के आपातकालीन या ‘ऑफ लेबल' उपयोग की अनुमति दी गयी है। इसका उपयोग केवल उन्हीं रोगियों पर किया जा सकता है जिनको कोई भी लक्षण होने के 10 दिन के भीतर ‘रेनल' या ‘हेप्टिक डिस्फंक्शन' की शिकायत न हुई हो।