शादी की झूठा वादा करके शरिरिक संबंध बनाने पर कोर्ट ने सुनाया फैसला, जानें क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2024 - 05:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क : केरल हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपने खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को रद्द करने की मांग की थी। आरोपी पर आरोप है कि उसने शादी का झूठा वादा कर एक महिला से शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से मुकर गया।
क्या है मामला?
2019 में आरोपी, जो पुलिस विभाग में काम करता है, ने पीड़िता से तब दोस्ती की, जब उसकी शादी एक अन्य व्यक्ति से तय हो चुकी थी। कोरोना महामारी के कारण शादी टल गई। इस दौरान आरोपी ने पीड़िता को शादी का झूठा वादा किया और कई बार शारीरिक संबंध बनाए। बाद में उसने शादी से इनकार कर दिया।
पीड़िता ने 9 जनवरी 2022 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी ने उसे शिकायत वापस लेने की धमकी दी और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें सार्वजनिक करने की बात कही।
आरोपी की दलील
आरोपी ने कहा कि उनका रिश्ता सहमति पर आधारित था और इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता। उसने दावा किया कि सहमति के साथ बना रिश्ता अपराध नहीं है, भले ही शादी का वादा किया गया हो, जब तक यह वादा शुरू से झूठा न हो।
सरकार का पक्ष
लोक अभियोजक ने तर्क दिया कि आरोपी ने शादी का झूठा वादा कर पीड़िता से सहमति प्राप्त की, जिससे वह सहमति वैध नहीं रही। इसके अलावा, आरोपी की धमकी और तस्वीरें सार्वजनिक करने की बात ने मामले को और गंभीर बना दिया।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने कहा कि यदि शादी का वादा शुरू से ही झूठा हो और इसके आधार पर शारीरिक संबंध बनाए जाएं, तो यह सहमति वैध नहीं मानी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि सहमति का मतलब है महिला की स्पष्ट और स्वैच्छिक स्वीकृति। अगर सहमति डर, दबाव, या झूठे तथ्यों पर आधारित हो, तो वह वैध नहीं होती।