संयुक्त राष्ट्र की पहल: Cyber Crime को रोकने के लिए एकजुट हुए दुनिया के देश
punjabkesari.in Sunday, Aug 18, 2024 - 03:04 PM (IST)
नेशनल डेस्क. बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए अब दुनिया के देश एकजुट हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की पहल पर साइबर क्राइम संधि का मसौदा तैयार किया गया है, जिसे हाल ही में मंजूरी दे दी गई है। इस संधि के मसौदे में जांच एजेंसियों को नए अधिकार देने और अंतरराष्ट्रीय समन्वय बढ़ाने के प्रस्ताव शामिल हैं। अब इस मसौदे को तीन महीने बाद होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया जाएगा, जहां इसके पास होने की पूरी संभावना है।
हालांकि, कई मानवाधिकार कार्यकर्ता, टेक कंपनियां, अकादमिक संस्थाएं, औद्योगिक संगठन और अन्य लोग इस संधि का विरोध कर रहे हैं। उन्हें चिंता है कि सरकारें इस संधि का इस्तेमाल नागरिकों की निगरानी करने के लिए कर सकती हैं, जिससे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर खतरा हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र साइबर क्राइम सम्मेलन ने दो सप्ताह के विचार-विमर्श के बाद इस साइबर क्राइम संधि के मसौदे को सर्वसम्मति से पारित किया। इस संधि पर काम पिछले तीन साल से चल रहा था। इसका मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध को अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से रोकना है।
साइबर क्राइम संधि के तहत देशों को कुछ नए कानून बनाने की जरूरत होगी। ये कानून निम्नलिखित हैं:
गैर-सार्वजनिक डेटा की सुरक्षा: देशों को ऐसा कानून बनाना होगा जिसमें गैर-सार्वजनिक डेटा को बिना अनुमति के पकड़ना अवैध होगा। इसके अलावा, डेटा को अनधिकृत तरीके से नुकसान पहुंचाने, हटाने, बदलने या दबाने को भी अवैध माना जाएगा।
साइबर अपराध में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर रोक: देशों को ऐसे कानून बनाने होंगे जो साइबर अपराध में उपयोग होने वाले उपकरणों के उत्पादन, आयात, बिक्री या खरीद पर रोक लगाए। इसके तहत हैकिंग के लिए पासवर्ड और लॉगिन जानकारी की खरीद-बिक्री को भी अवैध घोषित किया जाएगा।
बाल यौन शोषण सामग्री: सरकारों को बाल यौन शोषण सामग्री को फैलाने, संग्रहीत करने या देखने के किसी भी प्रयास को अनिवार्य रूप से साइबर अपराध मानना होगा।
ऑनलाइन यौन अपराध: किसी बच्चे के खिलाफ यौन अपराध करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था करना और किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसके अंतरंग चित्र या वीडियो को ऑनलाइन साझा करना भी साइबर अपराध माना जाएगा।