भारत के SCO एजेंडे में आतंकवाद का मुकाबला, व्यापार व समावेशी कनेक्टिविटी मुद्दे शीर्ष पर
punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2023 - 12:08 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता दौरान यूरेशिया में चीन की पैठ को संतुलित करने के लिए हार्ड और सॉफ्ट पावर एजेंडे को आकार देने के लिए जनवरी में कई कार्यक्रमों की मेजबानी के साथ गति पकड़ी है। इस मामले के जानकारों के अनुसार आतंकवाद का मुकाबला करना, यूरेशिया में समावेशी संपर्क पहल को व्यापक बनाना, अफगानिस्तान को स्थिर करना और मध्य एशिया-यूरेशिया में व्यापार को आगे बढ़ाना भारत के एजेंडे में सबसे ऊपर है।
इस पृष्ठभूमि में इस महीने चार वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक, राष्ट्रीय समन्वयकों की बैठक और SCO फिल्म महोत्सव होने वाले हैं। वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय समन्वयकों ने वाराणसी में मुलाकात की, जिसे 2022-23 के लिए SCO की पहली पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है। आगामी सूरजकुंड मेले में SCO एक भागीदार संगठन है। जी20 शिखर सम्मेलन से पहले इस साल के मध्य में यहां शिखर सम्मेलन की योजना के साथ, भारत समूह की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठकों के अलावा विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठकों की मेजबानी भी कर रहा है।
बता दें कि SCO मध्य एशिया में भारत की पहुंच का एक प्रमुख मंच है। भारत को पता है कि SCO मध्य एशिया सहित यूरेशिया में बढ़ते कट्टरपंथी विचारों और उग्रवाद का मुकाबला करने में योगदान देता है, जिसका यूरेशियन शक्ति के रूप में देश के रणनीतिक हितों पर सीधा असर पड़ता है। इसके अलावा, चाबहार पोर्ट और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) के इष्टतम उपयोग पर क्षेत्र में चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के समानांतर व्यवहार्य और समावेशी संपर्क पहल के रूप में काफी ध्यान दिया गया है। भारत चाबहार पोर्ट को INSTC से जोड़ना चाहता है, जिसने पिछले एक साल में भारत-रूस व्यापार को एक अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ावा दिया है।