new pandemic: नई महामारी की आहट! दिमाग पर करेंगे वार ये खतरनाक वायरस, चीन में पनप रहे कोरोना के 20 बाप, ना जीने देंगे, ना मरने देंगे...

punjabkesari.in Wednesday, Jun 25, 2025 - 12:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  कोरोना महामारी ने दुनिया को यह तो सिखा दिया कि अदृश्य दुश्मन सबसे खतरनाक होता है। जिसने मासूम ज़िंदगियों को निगल लिया, रिश्तों को दूर कर दिया और हमारी सांसों में डर बसा दिया। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि खतरा अब टल गया है, तो यह खबर आपको हिलाकर रख सकती है। वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों में ऐसे 20 नए वायरस की पहचान की है, जो कोरोना से भी ज्यादा घातक साबित हो सकते हैं।

वायरस की नई फौज तैयार?
चीन के युनान प्रांत में 2017 से 2021 के बीच किए गए एक व्यापक शोध में वैज्ञानिकों ने 142 चमगादड़ों के किडनी टिशू की जांच की। नतीजे चौंकाने वाले रहे - 22 अलग-अलग वायरस पाए गए, जिनमें से कुछ का स्वरूप इतना खतरनाक है कि हेन्ड्रा और निपाह वायरस की याद दिला देता है। यही नहीं, एक अज्ञात बैक्टीरिया और  Klebsiella Yunnanensis  नाम का परजीवी भी मिला है, जो इंसानों में नई बीमारियों का कारण बन सकता है।

खतरे की घंटी क्यों बजी?
रिसर्च में सामने आया कि इन चमगादड़ों का संपर्क फलों के बागानों और इंसानी बस्तियों के नज़दीक होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इनका मूत्र या मल फलों या पानी पर गिर जाए तो वायरस सीधे इंसानों या जानवरों तक पहुंच सकते हैं। और अगर ऐसा हुआ, तो एक बार फिर पूरी दुनिया को नई महामारी का सामना करना पड़ सकता है।

इंसानों को पहले पागल, फिर खत्म करेंगे?
कुछ वायरसों को लेकर वैज्ञानिकों की चिंता और भी गहरी है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इनमें से कुछ वायरस मानव दिमाग को पहले प्रभावित कर सकते हैं, यानी मानसिक असंतुलन, भ्रम, व्यवहार में बदलाव जैसे लक्षण दिख सकते हैं — और फिर धीरे-धीरे शारीरिक रूप से शरीर को कमजोर कर देंगे। यानी मौत भी चैन से नहीं आएगी, यह सबसे डराने वाली बात कही जा रही है।

कोरोना की यादें क्यों ताजा हो गईं?
याद है जब 2019 के अंत में वुहान की लैब और चमगादड़ों के लिंक को लेकर चर्चा गर्म थी? आज भी कई विशेषज्ञ मानते हैं कि वही से कोविड-19 की शुरुआत हुई। अब एक बार फिर वही चमगादड़, वही लैब और वही चेतावनियां सामने आ रही हैं - तो सवाल उठना लाजमी है कि "क्या अगली महामारी की नींव फिर वहीं रखी जा रही है?"

वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
रिसर्च करने वाली टीम इस खोज को बेहद गंभीर मान रही है। भले ही अभी तक इन वायरसों के कारण किसी महामारी का पक्का सबूत नहीं मिला है, लेकिन विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं कि यह एक "पेंडेमिक अलर्ट" है। दुनिया को तैयार रहना होगा — समय रहते निगरानी, वैक्सीनेशन रिसर्च और पब्लिक हेल्थ स्ट्रैटेजी पर काम करना होगा।


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Content Writer

Anu Malhotra

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