मानक घरेलू व्यापार और निर्यात की आधारशिला ,नवाचार और दक्षता के सूत्रधार हैं जो राष्ट्रीय विकास में करते हैं योगदान :  पीयूष गोयल

punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2023 - 09:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क (रघुनंदन पराशर): केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, कपड़ा और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज राष्ट्रीय मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान (एनआईटीएस) में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) तकनीकी समिति के सदस्यों के लिए ऑनबोर्डिंग कार्यशाला को संबोधित किया। अपने संबोधन में, गोयल ने घरेलू व्यापार और निर्यात की आधारशिला, नवाचार और दक्षता के सूत्रधार के रूप में मानकों के महत्व पर जोर दिया, जिससे राष्ट्रीय विकास में योगदान मिलता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उच्च गुणवत्ता मानक भारत को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की एक राष्ट्र एक महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने में मदद करेंगे।

उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि भारतीय मानक तैयार करने वाली तकनीकी समितियों के सदस्यों के रूप में, उनके कंधों पर मानकों को सुनिश्चित करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है।  स्थिरता के सिद्धांतों को अपनाना, नकली सामानों के खिलाफ लड़ाई को सुविधाजनक बनाना और एमएसएमई और स्टार्टअप को अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में सहायता करना।

उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि मानकों को मजबूत प्रवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का समर्थन करना चाहिए और उन्हें सभी हितधारक समूहों के साथ व्यापक परामर्श के बाद विकसित किया जाना चाहिए। प्रत्येक सदस्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय मानक देश में नवीनतम तकनीकी प्रगति को प्रतिबिंबित करें और भारतीय मानक अंतरराष्ट्रीय मानकों के बराबर हों।  तभी, भारत दुनिया का विनिर्माण केंद्र होने के अपने दृष्टिकोण को प्राप्त करने और आत्मनिर्भर भारत बनने की महत्वाकांक्षा को साकार करने में सक्षम होगा।

भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय (एनएसबी) के रूप में, बीआईएस तकनीकी समितियों में एक परामर्शी तंत्र के माध्यम से भारतीय मानकों को विकसित करता है।  जो उद्योग, उपभोक्ताओं, शिक्षाविदों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, प्रौद्योगिकीविदों और मंत्रालयों/नियामकों जैसे सभी प्रासंगिक हितधारकों को एक साथ लाता है।  इस प्रकार व्यापक परामर्श और सर्वसम्मति निर्माण की प्रक्रिया के माध्यम से सभी हितधारकों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मानक विकसित किए जाते हैं।

बीआईएस में मानक विकास की प्रक्रिया खुलेपन, पारदर्शिता, निष्पक्षता और सर्वसम्मति के सिद्धांतों के आधार पर स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करती है। बीआईएस में लगभग 400 स्थायी तकनीकी समितियां हैं जो 16 व्यापक प्रौद्योगिकी क्षेत्रों/सेक्टरों में मानकीकरण कार्य कर रही हैं, जो दोनों प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को कवर करती हैं। साथ ही नए और उभरते क्षेत्र जैसे कि भू-स्थानिक सूचना, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉक श्रृंखला, ई-गतिशीलता, अंतरिक्ष अनुसंधान, स्मार्ट विनिर्माण, स्मार्ट खेती आदि। तकनीकी समिति के सदस्य यह सुनिश्चित करने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं कि मानकीकरण प्रक्रिया अच्छी तरह से काम करती है।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने वाले उच्च गुणवत्ता वाले मानक बनाने के लिए उनका योगदान और सहयोग आवश्यक है।  इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि तकनीकी समितियाँ प्रकृति में गतिशील हों और जिन विषय क्षेत्रों पर मानक विकसित किए जा रहे हैं, उन्हें संबोधित करने के लिए नए सदस्यों को नियमित रूप से जोड़ा जाए।  इस प्रकार, बीआईएस नियमित रूप से अपनी तकनीकी समितियों की समीक्षा करता है और वर्ष 2023-24 में ही 500 से अधिक नए सदस्य विभिन्न तकनीकी समितियों में शामिल हो गए हैं। हालाँकि ये नई तकनीकी समिति के सदस्य अपने क्षेत्र में डोमेन क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, इसलिए उन्हें इस दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय मानकीकरण के कार्यक्रम, प्राथमिकताएँ और प्रक्रियाएँ। इसके लिए, बीआईएस ने तकनीकी समितियों के नए सदस्यों के साथ औपचारिक बातचीत करने और उन्हें समिति के सदस्य के रूप में उनकी भूमिकाओं और अपेक्षाओं के बारे में संवेदनशील बनाने और उन्हें बीआईएस मानकीकरण प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षित करने के लिए ऑनबोर्डिंग कार्यशालाओं के आयोजन की पहल की है।  सितंबर और अक्टूबर 2023 में बीआईएस के राष्ट्रीय मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान में ऐसी चार भौतिक ऑनबोर्डिंग कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इसके बाद, जब भी वे बीआईएस तकनीकी समितियों में शामिल होंगे, सभी नए सदस्यों के लिए ऐसी ऑनबोर्डिंग कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।


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News Editor

Parveen Kumar

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