हरियाणा में जौं की अनुबंध खेती को बढ़ावा दिया जाए

punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2022 - 08:52 PM (IST)

चण्डीगढ़, 27 जुलाई -(अर्चना सेठी ) हरियाणा के मुख्य सचिव  संजीव कौशल ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में जौं की अनुबंध खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए। इसके अलावा, कपास की फसल पर सम्भावित ‘पिंक वार्म’ के प्रकोप से बचने के लिए भी अभी से ही अभियान चलाया जाना चाहिए, क्योंकि पड़ोसी राज्य पंजाब में ‘पिंक वार्म’ आने की जानकारी मिल रही है।

मुख्य सचिव आज राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन कार्यकारी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने हैफेड के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि बासमती चावल का निर्यात बढ़ाने के लिए सीधे कम्पनियों से अनुबंध खेती करवाने के प्रयास करें। बैठक में इस बात की जानकारी भी दी गई कि हैफेड संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) व अन्य अरब देशों के साथ बासमती चावल का निर्यात पहले से ही कर रहा है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डा0 हरदीप सिंह ने राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के बारे प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत रबी 2007-08 से आरम्भ किया था। इसके तहत दलहन एवं तिलहन की पैदावार को बढ़ावा देना था। वर्ष 2018-19 में खाद्य तेल एवं पाम ऑयल को शामिल किया गया है। वर्ष 2021-22 के दौरान केन्द्र सरकार ने इस मिशन के लिए 4013.86 लाख रुपये की कार्य योजना स्वीकृत की थी, जिसके अन्तर्गत किसानों को प्रमाणित बीज, कलस्टर प्रदर्शन खेत, माइक्रोन्यूट्रेंट, कृषि मशीनरी, समेकित कीट प्रबन्धन तथा फसल एवं मृद्धा सुरक्षा प्रबन्धन के लिए सब्सिडी दी जाती है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार के प्रयासो से वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय ‘न्यूट्री-सेरिअल’ वर्ष घोषित किया हैै और राज्य सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत बाजरे को ‘न्यूट्री-सेरिअल’ के रूप में प्रचारित करेगी। बाजरे की फसल हरियाणा में लगभग 10 से 12 लाख एकड़ में होती है तथा उत्पादन भी प्रति एकड़ लगभग 8 क्विंटल तक होता है।


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News Editor

Archna Sethi

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