पाक से आतंकित ग्रामीण कर रहे है बंकरों का निर्माण

punjabkesari.in Saturday, Nov 26, 2016 - 03:35 PM (IST)

जम्मू/श्रीनगर (बलराम/मजीद): पिछले दस दिनों के दौरान नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम के लगातार उल्लंघन के चलते गोलीबारी का सीधे तौर पर शिकार हो रहे अधिकतम ग्राामीणों ने अपने परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए खुद ही बंकरों का निर्माण करना शुरु कर दिया है। एल.ओ.सी. पर तनाव के कारण भूमिगत सामुदायिक बंकर ही जम्मू-कश्मीर के सीमा के निकट रह रहे लोगों का दूसरा घर बन चुके हैं। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाक रेंजरों के बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन किए जाने के कारण अपनी जान बचाने के लिए वे इन बंकरों का सहारा ले रहे हैं।


एल.ओ.सी. पर पाकिस्तानी सेना द्वारा लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन करने और हाल ही में शहीद जवान के साथ बर्बरता की निंदा करते हुए भारत ने गत रात पाकिस्तानी उपायुक्त को डेमार्श कर दिया। इस महीने के दौरान चौथे डेमार्श में विदेश मंत्रालय ने सिपाही चंदु बाबुलाल चावन जो अनजाने में सीमा पार कर गया गया था की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए देश में सुरक्षित वापसी की उम्मीद की।
उधर, जम्मू कश्मीर में सर्दियों के आगमन के साथ ही और गत 15 नवंबर से सीमा पार से दैनिक आधार पर गोलीबारी का अनुभव किए जाने के बाद ग्रामीणों ने युद्ध स्तर पर बंकरों का निर्माण करना शुरु कर दिया है।


अपनी जीवन भर की जमा पूंजी जोडक़र अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ दूरी पर कई गावों के लोगों ने कहा कि उन्होने अपने घर बनाए लेकिन अपने घर से ज्यादा समय उन्होंने और उनके परिवार ने बंकर में बिताया। उनके घरों पर गोलियों के निशान और मोर्टार बम से हुए हमले के कारण बने बड़े छेद इस बात के गवाह हैं कि पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम के उल्लंघन की स्थिति में सीमा के निकट रहने वाले लोगों को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारे घरों पर बम और गोली बरसती हैं। हमारे घरों पर पाकिस्तान की ओर से मोर्टार बम दागे जाने के कारण कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है।
नियंत्रण रेखा के निकट बसे कुछ ग्रामीणों का कहना है कि उस पार दिन-रात पाक सेना को गोलाबारी की आवाजें सुनाई दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि न जाने कब पाकिस्तान की तरफ से गोले बरसने लगें।


वहीं ग्रामीणों में सरकार को लेकर गुस्सा भी है। उनका कहना है कि इस बार भारत को चाहिए कि वह पाकिस्तान को सबक सिखाए ताकि हम मारे भी जाएं तो गम नहीं कम से कम आने वाली नस्लें तो सलामत रहेंगी।
वर्तमान में संघर्षविराम के उल्लंघन की मार झेलने रहे नौशेरा सेक्टर में सरिया गांव के सुनीता और उनके पति सोमराज ने कहा कि सरकार की ओर से किसी भी तरह की मदद नही मिलने के बावजूद पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी से बचने के लिए उन्होने अपने परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए अपने ही घरों में बंकरों का निर्माण किया है और वह इन बंकरों के कारण जीवित हैं।


सोमराज ने कहा कि कठोर सर्दियों की वजह से वह दो बच्चों के साथ अपने घर को छोडक़र नही जा सकते हैं। पाकिस्तान की ओर से पहले चरण में बडे पैमाने पर गोलाबारी के चलते उनको सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन उनको महसूस हुआ कि यह जारी रहेगा, इसलिए घर वापस आकर बंकरों का निर्माण करना उनको ठीक लगा।
सीमा पार से संघर्षविराम के उल्लंघन की स्थिति में ये बंकर लोगों की जान बचाने में बहुत सहायक सिद्ध होते हैं। पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने भूमिगत बंकर बनाने का फैसला किया था।


गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तान में एफ.16 विमानों से सैन्य अभ्यास की बातें भी सामने आ चुकी हैं । सीमा पर बढ़ती घुसपैठ और उड़ी में हुए आतंकी हमले के कारण बीएसएफ  और सेना के जवानों ने एलओसी पर चौकसी बढ़ा दी है ।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News