'यह वक्त बदलाव का है और देश में भी यहीं होने जा रहा', हरियाणा के घटनाक्रम पर कांग्रेस ने कसा तंज

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 01:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे से जुड़े घटनाक्रम को लेकर मंगलवार को कहा कि यह वक्त बदलाव का है और जो हरियाणा में देखने को मिल रहा है वही पूरे देश में होने जा रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘वक़्त है बदलाव का। जो भगदड़ आज हम हरियाणा में देख रहे हैं, वो किसान, नौजवान व पहलवान के दबाव में हो रही है और यही देश में भी होने जा रहा है।''
 

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में जो हो रहा है वो जनभावना के दबाव में हो रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हरियाणा की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है...यह सब जो हो रहा है उसी के दबाव में हो रहा है।'' हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके साथी कैबिनेट मंत्रियों ने प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को मंगलवार को इस्तीफा दे दिया और पार्टी विधायक दल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नायब सैनी को अपना नया नेता चुना है जो राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। राज्य में भाजपा और जजपा गठबंधन में लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर दरार पैदा होने की अटकलों के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। 

राजनीतिक सर्कस शुरू- सुरजेवाला
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘हरियाणा में पूर्व निर्धारित “स्क्रिप्ट” के आधार पर हरियाणवियों को जाति के विभाजन में बांट वोट बटोरने का “राजनीतिक सर्कस” शुरू। साढ़े नौ साल की खट्टर सरकार की नाकामी और नकारापन से बचने के लिए गठबंधन तोड़ने का ‘पूर्व निर्धारित ड्रामा'। आधे अब भाजपा में और आधे जजपा में। सारे पापों का ठीकरा जजपा पर मंड नया “शगूफा” छोड़ा जाएगा।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘लोगों को पिछले कुकर्म भुलाने, 10 सालों की पिछली जन विरोधी नीतियों - फैसलों से भटकाने के लिये “पाप के टोकरे” पर नया “लेबल” चिपकाया जाएगा। जजपा को अलग चुनाव लड़वाया जाएगा ताकि “वोट विभाजन” की नई बिसात बिछायी जाये।

2019 में जो किया, आज भी यही कर रहे
शायद जजपा नेताओं पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएं ताकि “सहानुभूति फैक्टर” बनाया जा सके। खूब इल्ज़ाम लगेंगे, पत्रकार सम्मेलन होंगे, जलसे-जुलूस होंगे।'' सुरजेवाला के अनुसार, हो सकता है कि जल्द ही बसपा या एक दो और राजनीतिक दलों को भी समझौते के तहत या अकेले मैदान में उतार दिया जाए ताकि “विभाजन की राजनीति” और तेज हो। उन्होंने दावा किया, ‘‘सच ये है कि “शकुनि की चौपड़” बिछा रही भाजपा के पास न साल 2019 में बहुमत था, न आज है। भाजपा ने साल 2019 में भी प्रजातंत्र का चीरहरण कि जनमत के विरुद्ध सरकार बनाई थी, वो आज भी यही कर रहे हैं। साल 2014 व साल 2019 में भी भाजपा का सत्ता प्राप्ति का तरीक़ा जातिगत विभाजन था, आज भी वही है और भविष्य भी यही।'' 

 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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